दुर्गा अष्टमी का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया

संवाद, सहयोगी, कलानौर : शारदीय नवरात्र के अवसर पर दुर्गा अष्टमी का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से म

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Oct 2018 06:45 PM (IST) Updated:Wed, 17 Oct 2018 06:45 PM (IST)
दुर्गा अष्टमी का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया
दुर्गा अष्टमी का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया

संवाद, सहयोगी, कलानौर :

शारदीय नवरात्र के अवसर पर दुर्गा अष्टमी का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। श्रीदुर्गा अष्टमी के पर्व पर बुधवार को जहां मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। वहीं श्रद्धालुओं ने अपने घरों में कंजक पूजन करके माता भगवती से अपने जीवन की मंगलकामना मांगी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने कंजकों को भोजन करवाकर उन्हें माता श्रृंगार, चुनरी और दक्षिणा आदि देकर उनसे आर्शीवाद लिया। श्रद्धालुओं ने नवरात्रि के व्रत खोलने से पहले अष्टमी पूजन कर छोटी-छोटी कन्याओं को भोजन कराया। इसके साथ ही कई स्थानों पर जागरण और कीर्तन कर मां का गुणगान किया गया। मंदिरों में सुबह मां दुर्गा की अष्टमी शक्ति महागौरी की आराधना की गई। काहनौर गांव के प्राचीन माता मंदिर पर सुबह मां दुर्गा का हवन यज्ञ किया गया। अष्टमी पूजन के बाद  मंदिर के प्रधान दिनेश शंटी बत्रा ने विधिवत मां दुर्गा की प्रतीक स्वरूप कंजकों की पूजा कर उन्हें उपहार प्रदान किए। इस अवसर पर मंदिर में लंगर भी वितरित किया गया। मंदिर के पुजारी मुलख राज शर्मा ने बताया कि मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी का वर्ण पूर्णतया गौर है। इस गौर की उपमा शंख और चंद्र से की जाती है। दाहिने हाथ में अभद्र मुद्रा दाहिने नीचे हाथ में त्रिशूल है। ऊपर बाएं हाथ में वर प्रदान करने की शांत मुद्रा तथा निचले बाएं हाथ में डमरू है। पार्वती ने अपने स्वरूप में भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थीं, जिससे रंग काला पड़ गया। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर पवित्र गंगा जल से स्नान कराया तो उनका शरीर गौर हो गया।

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