तीन साल 16 दिन बाद 153 ऑटो चालकों पर केस खत्म, कोर्ट ने चेतावनी देकर छोड़ा

जागरण संवाददाता रोहतक वर्ष 2016 में 159 ऑटो चालकों पर दर्ज हुए केस को लेकर सीजेएम अ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 12:26 AM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 12:26 AM (IST)
तीन साल 16 दिन बाद 153 ऑटो चालकों पर केस खत्म, कोर्ट ने चेतावनी देकर छोड़ा
तीन साल 16 दिन बाद 153 ऑटो चालकों पर केस खत्म, कोर्ट ने चेतावनी देकर छोड़ा

जागरण संवाददाता, रोहतक : वर्ष 2016 में 159 ऑटो चालकों पर दर्ज हुए केस को लेकर सीजेएम आशीष शर्मा की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तीन साल 16 दिन बाद सभी तथ्यों को देखते हुए 153 आरोपितों को प्रोबेशन के तहत चेतावनी देकर छोड़ा है। साथ ही उन पर दर्ज हुआ केस भी खत्म कर दिया जाएगा।

यह था मामला

28 दिसंबर 2016 को एसआइ भूप सिंह की तरफ से सिविल लाइन थाने में शिकायत दी गई थी। शिकायत में बताया कि वह आंबेडकर चौक पर ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान न्यू रोहतक ऑटो रिक्शा कल्याण समिति के प्रधान राजेंद्र सिंह दहिया सचिव सुरेश, कार्यकारी मैनेजर प्रीतम, उप प्रधान रविद्र और कोषाध्यक्ष मेहर सिंह के नेतृत्व में करीब 150-200 लोग सरकार व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंबेडकर चौक पर आ गए। भीड़ ने वहां पर जाम लगा दिया। जिससे यातायात प्रभावित हो गया। बाद में पता चला कि ऑटो रिक्शा के रूट के संबंध में सभी ऑटो चालक ज्ञापन देने के लिए लघु सचिवालय में पहुंचे थे। वहां पर एसडीएम ने ज्ञापन ले लिया और आश्वासन दिया कि 29 दिसंबर बैठक कर जायज मांगों का समाधान निकाला जाएगा। लेकिन फिर भी उन्होंने जाम लगा दिया। भीड़ को यहां से हटने के लिए कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन भीड़ नहीं हटी। शिकायत के बाद पुलिस की तरफ से पदाधिकारियों समेत 159 ऑटो चालकों के खिलाफ नेशनल हाइवे एक्ट और अन्य कई धाराओं में मामला दर्ज किया था। यह मामला तभी से कोर्ट में विचाराधीन था। कोर्ट ने दी चेतावनी, आगे नहीं करना होगा ऐसा

इस मामले में तीन साल 16 दिन बाद सीजेएम आशीष की कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। आरोपित पक्ष की तरफ से अधिवक्ता जितेंद्र हुड्डा पेश हुए। सभी तथ्यों और दलीलों को देखते हुए कोर्ट ने 153 आरोपितों को प्रोबेशन के तहत चेतावनी देकर छोड़ दिया। सभी को चेतावनी दी गई है कि आगे से ऐसा कुछ भी नहीं किया जाएगा। साथ ही इन आरोपितों पर लगा केस भी खत्म कर दिया गया। बाकी चार आरोपितों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। एक आरोपित किसी अन्य मामले में बंद है, जबकि एक आरोपित को कोर्ट ने भगौड़ा घोषित कर रखा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रोबेशन के तहत अपना फैसला सुनाया है। इसके बाद 153 आरोपितों का केस भी खत्म हो जाएगा। बाकी एक अन्य मामले में बंद है और एक आरोपित भगौड़ा घोषित है।

- जितेंद्र हुड्डा, अधिवक्ता आरोपित पक्ष

chat bot
आपका साथी