अनुबंधित कर्मचारियों को नहीं मिल रहा डीसी रेट, आंदोलन की दी चेतावनी

हरियाणा नगर पालिका कर्मचारी संघ ने नगर निगम के अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। आरोप लगाए हैं कि अनुबंधित कर्मचारियों को निर्धारित डीसी रेट नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Dec 2020 09:25 AM (IST) Updated:Tue, 22 Dec 2020 09:25 AM (IST)
अनुबंधित कर्मचारियों को नहीं मिल रहा डीसी रेट, आंदोलन की दी चेतावनी
अनुबंधित कर्मचारियों को नहीं मिल रहा डीसी रेट, आंदोलन की दी चेतावनी

जागरण संवाददाता, रोहतक : हरियाणा नगर पालिका कर्मचारी संघ ने नगर निगम के अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। आरोप लगाए हैं कि अनुबंधित कर्मचारियों को निर्धारित डीसी रेट नहीं मिल रहा है। नगर निगम के अधिकारियों ने तत्काल ही सुनवाई नहीं की तो जल्द ही आंदोलन शुरू करेंगे। यह भी चेतावनी दी है कि कर्मचारियों की सुनवाई नहीं हुई तो स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में भी सहयोग नहीं किया जाएगा।

नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा इकाई रोहतक के अध्यक्ष संजय बिड़लान ने कड़ी नाराजगी जताई। इन्होंने आरोप लगाया है कि नगर निगम रोहतक में कार्यरत सभी अनुबंधित कर्मचारियों, डाटा एंट्री आपरेटर, बेलदारों को डीसी रेट देने के लिए मेयर मनमोहन गोयल, आयुक्त प्रदीप गोदारा, सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल, डिप्टी मेयर अनिल कुमार और सभी पार्षदों को पत्र सौंपा है। यह भी सभी से आग्रह किया कि इस प्रकार नगर निगम में कार्यरत सभी कर्मचारी अपना कार्य मेहनत से कर रहे हैं, उन सभी कर्मचारियों को डीसी रेट दिया जाए। सभी कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमण काल से लेकर पिछली बार हुए स्वच्छ सर्वेक्षणों में बेहतर कार्य किए। नगर निगम प्रशासन को तीन दिन का समय दिया है। निर्धारित अवधि के बाद आंदोलन की रणनीति तय करके धरना भी शुरू किया जा सकता है।

कर्मचारियों को सुविधाएं न मिल रहे संसाधन

कर्मचारी एसोसिएशन के प्रधान संजय बिड़लान ने आरोप लगाए हैं कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के लिए केंद्रीय टीम ने तमाम नियम तय कर दिए हैं। संसाधनों की जांच करने के लिए भी केंद्रीय टीम आएगी। लेकिन सफाई कर्मचारियों के पास आयुष्मान भारत जैसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। ड्रेस, दस्तानों से लेकर, बैंक से लोन, बीपीएल श्रेणी में नाम, प्रधानमंत्री आवासीय योजना तक का लाभ नहीं मिल रहा है। कोरोना काल में मेहनत के साथ कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत तक नहीं किया जा रहा है। यह भी कहा है कि जो कर्मचारी बीमार हुए उन्हें भी वेतन तक के लिए परेशान किया गया। मृतकों के स्वजनों को भी योजनाओं का लाभ नहीं मिला।

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