विवाद में अटके लोक निर्माण विभाग के 40 करोड़ की सड़कों के काम, करोड़ों के घपले के आरोप

लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता और एक्सईएनकी तकरार का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय और स्टेट विजिलेंस तक जा पहुंचा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:25 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:25 AM (IST)
विवाद में अटके लोक निर्माण विभाग के 40 करोड़ की सड़कों के काम, करोड़ों के घपले के आरोप
विवाद में अटके लोक निर्माण विभाग के 40 करोड़ की सड़कों के काम, करोड़ों के घपले के आरोप

अरुण शर्मा, रोहतक

लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता(एसई) और एक्सईएन(अभियंता) की तकरार का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय और स्टेट विजिलेंस तक जा पहुंचा है। एसई ने अपने ही विभाग के एक्सईएन पर 35-40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले कई प्रमुख मार्गो के निर्माण कार्य में देरी के साथ ही चहेते ठेकेदारों को काम दिलाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह सभी कार्य प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत होने हैं। अधिकारियों के विवाद में सड़कों के निर्माण कार्य अटक गए हैं। इन कार्यो में कोरोना संक्रमण के चलते पहले ही से देरी है। इनके अतिरिक्त भी करोड़ों की योजनाओं में घपलों के आरोप लगाए हैं। वहीं, एक्सईएन ने अपने वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से लगाए सभी आरोपों को झूठ का पुलिदा बताया है। दोनों ही अधिकारियों के विवाद और गंभीर आरोपों की जांच एसडीएम रोहतक राकेश कुमार और डीएसपी हेडक्वार्टर गोरखपाल करेंगे।

लोक निर्माण विभाग के एसई एके सिगला ने आरोप लगाते हुए कहा कि दावा किया है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में एक्सईएन उदयवीर सिंह झांझरिया ने चहेते चार ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए अनियमिताएं बरती। अपने हिसाब से ही छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। एसई का आरोप है कि कमेटी का चेयरमैन होने के नाते मैंने नए सिरे से कमेटी गठित करके गड़बड़ियों पर लगाम लगाने का प्रयास किया। यह भी आरोप हैं कि चहेते ठेकेदारों को काम दिलाने के लिए अन्य एजेंसियों के आवेदनों पर बेवजह ही गलत टिप्पणी लिखी गईं।

जो अधिकारी छुट्टी पर उनके डिजिटल सिग्नेचर भी हुए उपयोग

आरोप हैं कि एक्सईएन उदयवीर सिंह ने तमाम आपत्तियों को दरकिनार करके चहेते ठेकेदारों को काम दिलाने का प्रयास किया। यह भी आरोप हैं कि जो भी अधिकारी अवकाश पर थे उनके डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग टेंडर खोलने के लिए किया गया। उन अधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया हैं। जिन्हें सौंपे गए काम, उन ठेकेदारों के प्लांट तक अपने नहीं

एसई सिगला ने आरोप लगाए हैं कि मुख्यालय स्तर पर मुझे रिपोर्ट सौंपनी थी। इसमें देखना था कि जिन ठेकेदारों को काम सौंपे गए हैं उनके पास मशीनरी सिस्टम पूरा है कि नहीं। इसलिए 22 नवंबर को चार ठेकेदारों के मशीनरी सिस्टम को चेक करने के लिए गए। तीन प्लांट एक लोकेशन व अन्य लोकेशन पर मिला। जिन ठेकेदारों को काम मिला था उनके पास खुद के प्लांट नहीं थे। जो भी प्लांट थे वह अन्य किसी के नाम थे। नियमों के तहत बैच टाइप प्लांट होने चाहिए।

मैं हर जांच को तैयार, कोई गड़बड़ियां नहीं की : एक्सईएन झांझरिया

एक्सई उदयवीर सिंह झांझरिया ने सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि एसके सिगला मेरे वरिष्ठ अधिकारी हैं। जीएलबी मार्ग निर्माण में विजिलेंस सैंपलिग कर चुकी है। पहले से ही इस प्रकरण में विजिलेंस जांच चल रही है। यदि कोई गड़बड़ियां हैं तो जांच में ही सामने आ जाएंगी। महम क्षेत्र की राजा वाली सड़क व कलानौर के बाईपास प्रकरण में कहा कि मुझसे पहले ही टेंडर किसी को अलॉट किए गए थे। इसलिए मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं रहा। यह भी कहा है कि ई-टेडरिग का विभाग में सिस्टम है। जबकि वरिष्ठ अधिकारी एसके सिगला हैं, ऐसे में मेरी मनमानी या फिर गड़बड़ी का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कि मुझे षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। एसई एके सिगला पर आरोप लगाए हैं कि वह राजनीतिक पहुंच की बात कहकर अक्सर मुझ पर धौंस जमाते हैं। इन मामलों में अनिमितताओं के आरोप

1. 8.60 करोड़ से निर्मित हो रहे जीएलबी मार्ग में धांधली के आरोप

एसई सिगला ने आरोप लगाए हैं कि गोहाना-लाखनमाजरा-महम-भिवानी रोड के निर्माण में अनियमितताएं बरती गई हैं। 8.60 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे इस मार्ग पर करीब 37 किमी के दायरे में कार्य हो रहा है। तारकोल से निर्मित होने वाली सड़क में हॉटमिक्स प्लांट सीसर गांव में लगा है। नियमों के तहत बैच टाइप हाटमिक्स प्लांट की मदद से निर्माण होना चाहिए था। इससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। यह भी आरोप हैं कि बैच टाइप हॉटमिक्स प्लांट से गड़बड़ी नहीं होती। --

2. 27 करोड़ की लागत वाले निर्माण में भी गड़बड़ियों के आरोप

महम क्षेत्र में निर्मित होने वाली राजा वाली रोड के निर्माण की लागत 27 करोड़ है। इस सड़क के निर्माण में एक-दो एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के आरोप हैं। एसई सिगला का कहना है कि मेरे पास लिखित में शिकायतें आई हैं कि कुछ एजेसियों को फायदा पहुंचाने के लिए शेष एजेंसियों के काम रिजेक्ट किए गए।

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3. कलानौर बाईपास

एसई सिगला ने कलानौर बाईपास के निर्माण में भी धांधली के आरोप लगाए हैं। आरोप हैं कि एक्सईएन उदयवीर सिंह ने निर्माण कार्य सही नहीं कराए। चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया। इन सभी मामलों की जांच के लिए स्टेट विजिलेंस, मुख्यमंत्री कार्यालय, डिप्टी सीएम कार्यालय, मुख्य सचिव को भी शिकायतें भेजी हैं।

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