एक ही कॉलेज के 344 विद्यार्थियों की बना दी यूएमसी, वीसी कार्यालय पर किया हंगामा

जागरण संवाददाता, रोहतक : एक ओर तो महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय एक महीने पहले रिजल्ट घोषित

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 07:12 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 07:12 PM (IST)
एक ही कॉलेज के 344 विद्यार्थियों की बना दी यूएमसी, वीसी कार्यालय पर किया हंगामा
एक ही कॉलेज के 344 विद्यार्थियों की बना दी यूएमसी, वीसी कार्यालय पर किया हंगामा

जागरण संवाददाता, रोहतक :

एक ओर तो महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय एक महीने पहले रिजल्ट घोषित किए जाने को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है, वहीं अब कॉलेजों में रिजल्ट में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि मदवि की ओर से नारनौल स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में करीब 344 विद्यार्थियों के परिणाम में यूएमसी लिखा आ रहा है। यानी कि इतने विद्यार्थियों ने एक साथ ही नकल की है। रिजल्ट जारी किए जाने के करीब 10 दिन बाद भी जब उनमें सुधार नहीं हुआ तो विद्यार्थी सोमवार को कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे। हालांकि कुलपति की ओर से मामले की जांच कराने का आश्वासन देकर विद्यार्थियों को वापस लौटा दिया गया।

नारनौल स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थी हिमांशु ने बताया क 29 अप्रैल को बीएससी प्रथम वर्ष के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा थी। फिजिक्स का पेपर था। सभी विद्यार्थियों ने पेपर दिए थे। जब छह जून को रिजल्ट आया तो अब इसी पेपर में 344 विद्यार्थियों की यूएमसी आ गई है। रिजल्ट देखने के बाद विद्यार्थियों को विश्वास ही नहीं हुआ। उनका कहना था कि उन्होंने पहले कॉलेज स्तर पर इस मामले की शिकायत की लेकिन 10 दिन से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब दूसरे सेमेस्टर का रिजल्ट गड़बड़ आने के कारण ही उन्हें तीसरे सेमेस्टर में दाखिला लेने में परेशानी हो रही है। हिमांशु शर्मा, विवेक, रोहित, दिव्या, हिमांशी, कुसुमलता और राहुल ने बताया कि ऐसा संभव ही नहीं है कि एक परीक्षा केंद्र पर सारे बच्चे ही नकल कर रहे थे। उन्होंने कुलपति को शिकायत भी दी। विद्यार्थियों के मुताबिक, गवर्नमेंट कॉलेज नारनौल में एमआर कॉलेज के भी बच्चे परीक्षा देने आए थे। सभी को यूएमसी केस में डाल दिया गया है। उन्होंने कुलपति को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की। कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने का मिला आश्वासन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री सुनील भारद्वाज ने बताया कि विद्यार्थियों की शिकायत के बाद कुलपति ने इस विषय पर संज्ञान लिया। उन्होंने आश्वासन दिया है कि कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद वह खुद ही कम से कम 20 विद्यार्थियों की कॉपी की जांच अपने सामने कराएंगे। इसके बाद परीक्षा सेल को दोबारा से परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए कहेंगे। इसके बाद सभी विद्यार्थी वापस लौट गए। एक महीने पहले ही परीक्षाओं का जारी किया गया था रिजल्ट

विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक महीने पहले ही परीक्षाओं का रिजल्ट जारी कर दिया गया था। जिसके कारण से अब यह परेशानियां सामने आ रही हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि एक साथ ही 344 विद्यार्थियों की यूएमसी बना कर थमा दी गई है जबकि इसमें उनका कोई दोष नहीं है। अब परीक्षा विभाग की गलतियां विद्यार्थियों को भुगतनी पड़ रही हैं।

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