बारिश से ठंडी पड़ी ईट भट्ठे के चिमनियों की आग

जागरण संवाददाता, रोहतक : रोहतक में सप्ताहभर में हुई बरसात ने ईट भट्ठा संचालकों के अरमानों पर पानी फे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jun 2017 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jun 2017 01:01 AM (IST)
बारिश से ठंडी पड़ी ईट भट्ठे के चिमनियों की आग
बारिश से ठंडी पड़ी ईट भट्ठे के चिमनियों की आग

जागरण संवाददाता, रोहतक : रोहतक में सप्ताहभर में हुई बरसात ने ईट भट्ठा संचालकों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। बारिश का पानी जमा होने से ईट भट्ठों पर लाखों की संख्या में बनी कच्ची ईटें खराब हो चली है। जिसके चलते भट्ठा संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और उनके सामने आर्थिक संकट तक खड़ा हो गया है।

बता दें कि जून महीने में रोहतक जिला में अब तक औसतन 82 एमएम बारिश हुई है। जिसके चलते एक ओर जहां किसानों में खुशी का माहौल है वहीं, दूसरी ओर ईट भट्ठा संचालकों पर बारिश ने आर्थिक बोझ डालने का काम कर दिया है।

भट्ठा संचालकों को कहना है कि ईट भट्ठों पर पिछले दिनों कच्ची ईट तैयार करने का काम जोर-शोर से चल रहा था। भट्ठों पर लाखों की संख्या में कच्ची ईटें भी तैयार की गई। जिनको पकाने की तैयारी में भट्ठा मालिक लगे हुए थे। लेकिन इस बीच पिछले दिनों करीब एक सप्ताह तक रोजाना होने वाली बारिश ने इन कच्ची ईटों को नष्ट कर दिया। उनका कहना है कि उनको उम्मीद थी कि मौसम ठीक रहेगा और इन कच्ची ईटों को पका कर लाभ कमाया जाएगा लेकिन इंद्र देव ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। ऐसे में उनको सूझ नहीं रहा है कि वे अब क्या करें। इस मामले को लेकर उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलने का भी मन बना लिया है ताकि नुकसान की बात प्रशासनिक अधिकारियों व सरकार तक पहुंचाई जा सके।

जिला में है 120 ईट भट्ठे

जिला ईट भट्ठा एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार जिले में ईट भट्ठों की संख्या 120 तक है। हालांकि रोहतक सिटी में ईट भट्ठें नहीं है लेकिन सिटी से दूर दराज कस्बों के निकट व गांवों में काफी संख्या में ईंट भट्ठे लगे हुए हैं। ईट भट्ठा संचालकों का कहना है कि बारिश ने तमाम संचालकों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। प्रत्येक ईट भट्ठे पर कच्ची ईटें खराब होने से लगभग पांच लाख के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।

वर्जन

एक तो सरकार ईट भट्ठा की ईटों की खरीद पिछले एक साल से नहीं कर रही है। जिससे भट्ठा संचालकों पर मंदी की मार पड़ रही है। वहीं ईटों के भाव भी कम मिल रहे हैं। ऊपर से पिछले कई दिनों तक हुई बरसात ने कच्ची ईटों को खराब कर दिया है। ऐसे में ईट भट्ठा संचालकों में भारी रोष बना हुआ है। इस बारे में जल्द ही बैठक कर सरकार को ज्ञापन भेजने पर भी विचार किया जा रहा है।

- अनूप ¨सह दहिया, प्रधान, जिला भट्ठा एसोसिएशन ।

ईंटों के दामों में उछाल

ईंट भट्ठा संचालकों की मानें तो बारिश से पहले तक ईंटों के दाम 4200 से 4300 रुपये प्रति हजार था लेकिन बरसात के बाद इनके दाम अब 5000 रुपये प्रति हजार तक पहुंच गए हैं। दाम बढ़ने की वजह बरसात को माना जा रहा है। एसोसिएशन के प्रधान अनूप का कहना है कि बरसात के कारण ईंट भट्ठों पर लाखों ईंटें खराब हो गई है। ऐसे में कच्ची ईंट न होने से ईंट भट्ठों को लगभग दस दिन पहले ही बंद करना पड़ा है। वहीं, ईंटों के दाम भी 5000 रुपये तक पहुंच गए हैं। ईंट भट्ठा संचालकों का कहना है कि अगर अगले 15 दिन और बरसात होगी तो ईंटों के दामों में और भी उछाल हो सकता है।

जून महीने में हुई बारिश पर नजर :

रोहतक : 158 एमएम

महम : 86 एमएम

सांपला : 35 एमएम

कलानौर : 52 एमएम

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