उन्मादी ताकतों की ढाल नहीं बनें महिलाएं

जागरण संवाददाता, रोहतक : आज महिलाओं के सामने उन्मादी ताकतें सबसे बड़ी चुनौती है। ये ताकतें महिलाओं

By Edited By: Publish:Mon, 30 May 2016 01:01 AM (IST) Updated:Mon, 30 May 2016 01:01 AM (IST)
उन्मादी ताकतों की ढाल नहीं बनें महिलाएं

जागरण संवाददाता, रोहतक :

आज महिलाओं के सामने उन्मादी ताकतें सबसे बड़ी चुनौती है। ये ताकतें महिलाओं को ढाल की तरह प्रयोग कर रही है। ऐसे में महिलाओं को जागरूक होने की जरूरत है। यह बात जनवादी महिला समिति की राज्य महासचिव राजकुमारी दहिया ने कही। वे रविवार को जनवादी महिला समिति रोहतक का नौवें जिला सम्मेलन संबोधित कर रही थी।

राज्य महासचिव राजकुमारी दहिया ने महिला आंदोलन के सामने खड़ी चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होनें कहा कि इस वक्त जातीय व साम्प्रदायिक ¨हसा महिलाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। इस वक्त अस्तित्व की लड़ाई लड़ना महिला आंदोलन का प्रमुख काम है। सभी तबकों की महिलाएं जब एकजुट होकर खड़ी होगी तभी इन ताकतों का मुकाबला किया जा सकता है।

जिला सचिव अंजु ने पिछले तीन साल का लेखा-जोखा रखते हुए जिले की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होनें अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में महिलाओं के लिए घर से बाहर निकल कर काम करना कठिन हो गया है। इन तीन सालों में चुनौतियां बढ़ी हैं। ऐसे में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओ को जोड़ना प्रमुख लक्ष्य रहा है। इसके लिए स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसके पश्चात युवा लड़कियों व महिलाओं पर बढ़ती ¨हसा के खिलाफ विजय लक्ष्मी ने प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। तत्पश्चात 17 सदस्यीय नई जिला कमेटी का गठन किया गया जिसमें अंजु को जिला सचिव और राजकुमारी दहिया जिला प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी गई। अध्यक्षीय टिप्पणी महिला समिति की वरिष्ठ साथी माया देवी ने की। इस अवसर पर सबिता मलिक, जगबीरी, गीता, कांता, मुनमुन, अंजलि, करमिन्द्र, पूनम, सतवंती, भारती, मिनाक्षी, कमलेश, सपना, सविता, मधु, वीना मलिक, गुड्डी, बाला, उर्मिला, सुशीला आदि शामिल हुई।

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