प्रधानमंत्री मोदी कर चुके हैं 22 माह में 38 विदेश यात्रा : येचुरी
जागरण संवाददाता, रोहतक : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद सीताराम येचुर
जागरण संवाददाता, रोहतक : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 माह में 38 विदेश यात्रा कर चुके हैं। इन विदेश यात्राओं से देश पर आर्थिक संकट बढ़ रहा है। इतना ही नहीं मौजूदा सरकार विदेशी निवेश को बढ़ावा दे रही है। यह देश की आर्थिक नीतियों के हित में नहीं है। वे रविवार को शहर में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार विदेशी कंपनियों से टैक्स नहीं वसूल रही है। इससे देश को हर साल पांच लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। सरकार इस टैक्स को वसूल कर देश के विकास में खर्च होना चाहिए, जिससे एक तो आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, वहीं देश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। आज देश में ढाई करोड़ युवा हर वर्ष रोजगार के लिए आगे आ रहा है। लेकिन उनके लिए सरकार रोजगार का इंतजाम नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ¨हदू पौराणिक कहानियों में भी अपने हिसाब से बदलाव कर ऐसा वातावरण पैदा कर रही है, जिसमें सभी एक-दूसरे के साथ नफरत करें। नफरत के आधार पर भाजपा सांप्रदायिक वोट बैंक को मजबूत कर रही है। आरएसएस का राजनीतिक अंग बीजेपी रहा है और भाजपा उसी को आगे लेकर जा रही है। देशभर में देखने को मिल रहा है कि सभी बड़े पदों पर आरएसएस के लोगों को बैठाया जा रहा है। जनतंत्र के गणतंत्र को भाजपा न अपनाकर अपनी ही नीतियां लागू कर रही है। उन्होंने राम मंदिर के बारे में कहा कि सभी पार्टियों का मानना है कि उच्चतम न्यायालय का जब तक कोई निर्णय नहीं आता तब तक राम मंदिर नहीं बनना चाहिए, लेकिन भाजपा के नेता ही बयान दे रहे हैं कि उनके कार्यकाल में ही राम मंदिर का निर्माण कर दिया जाएगा। भाजपा ने उच्चतम न्यायालय की अवहेलना करते हुए राम मंदिर के लिए ईंट भिजवाई है, जिससे साफ जाहिर है कि भाजपा अपने आपको उच्चतम न्यायालय से भी बड़ा समझती है। भाजपा जनतंत्र व धर्मनिरपेक्षता को बदलकर आरएसएस की नीति लागू कर रही है। प्रधानमंत्री ने राज्यों में प्ला¨नग कमीशन रद कर दिया है और स्वयं ही अपनी नीतियों को राज्यों में लागू किया जा रहा है। इससे देश की एकता व अखंडता को भारी नुकसान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि विपक्षी पार्टियों के नेता संसद चलने नहीं दे रहे, लेकिन वह कानून को लागू करने का आश्वासन तो दें, संसद अपने आप चल पड़ेगी। प्रधानमंत्री स्वयं संसद को नहीं चलने दे रहे। अभी वह किसी पार्टी को समर्थन नहीं दे रहे, लेकिन भविष्य में पता चल जाएगा कि वह किसके साथ हैं क्योंकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की अपने आप में एक अलग पहचान है।