बेहतर माहौल से बढ़ रहा औद्योगिक निवेश

पहले नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी को लेकर जो सवाल उठे थे वे अब सरकार की प्रशंसा में बदल गए हैं। उद्यमियों से लेकर हर व्यक्ति ने इसका समर्थन किया लेकिन शुरूआती दिक्कतों के बाद अब सब कुछ सरल हो गया है। वहीं राज्य में भाजपा सरकार आने के बाद उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने का जो दावा किया गया उसमें शुरूआती दिक्कतों के बाद सरकार कामयाब रही है। उद्यमियों के लिए ¨सगल ¨वडो सिस्टम के साथ ई-बिज(इजी ऑफ डूइंग बिजनेस ) सिस्टम से काफी हद तक पारदर्शिता आई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Dec 2018 07:48 PM (IST) Updated:Wed, 26 Dec 2018 07:48 PM (IST)
बेहतर माहौल से बढ़ रहा औद्योगिक निवेश
बेहतर माहौल से बढ़ रहा औद्योगिक निवेश

अमित सैनी, रेवाड़ी

प्रदेश के मानचित्र पर विशेष पहचान रखने वाले रेवाड़ी जिला में औद्योगिक विकास के हिसाब से वर्ष 2018 खासा महत्वपूर्ण रहा है। उद्योगपतियों को बेहतर माहौल मिला तो यहां के औद्योगिक क्षेत्र बावल व धारूहेड़ा में निवेश भी बढ़ा है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में रिहायशी इलाकों में चल रही छोटी-छोटी फैक्ट्रियों की सी¨लग के कारण भी धारूहेड़ा व बावल में लघु उद्योग बढ़े हैं।

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धारूहेड़ा व बावल जिला के दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं। धारूहेड़ा में जहां हीरो जैसी दोपहिया वाहन कंपनी हर साल करोड़ों का उत्पादन कर रही है वहीं बावल में भी असाही इंडिया, कपारो सरीखी यूनिट उत्पादन कर रही है। औद्योगिक निवेश के हिसाब से वर्ष 2018 बेहतर ही रहा है। इस साल 37 करोड़ 48 लाख रुपये का औद्योगिक निवेश हुआ है। बावल में ¨मडा ग्रुप के 3 नए प्लांट लगाए गए हैं। ¨मडा ग्रुप के पहले भी कई प्लांट धारूहेड़ा व बावल में लगे हुए हैं। मुसाशी का भी एक प्लांट लगा है। वहीं इन उद्योगों में 2282 नए कर्मचारियों को रोजगार भी प्रदान किया गया है।

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बढ़ने लगे छोटी-बड़ी ईकाइयों के रजिस्ट्रेशन

जीएसटी के लागू होने के बाद अब न सिर्फ बड़ी औद्योगिक ईकाईयों के रजिस्ट्रेशन उद्योग विभाग के पास हो रहे हैं बल्कि छोटे कारोबारी भी अपना रजिस्ट्रेशन कराने लगे हैं। एमएसएमई यानि माइक्रो, स्मॉल, मीडियम एंटरप्राइजेज पोर्टल पर वर्ष 2018 में 1251 यूनिट के रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इनमें 944 यूनिट ऐसी है जिन्होंने पहली बार अपना रजिस्ट्रेशन कराया है तथा बाकी यूनिट के रजिस्ट्रेशन रिन्यू हुए हैं। उद्योग विभाग में फर्म का रजिस्ट्रेशन कराना अब आसान हो चला है। ऑनलाइन ही रजिस्ट्रेशन हो रहा है तथा एमएसएमई के तहत रजिस्ट्रेशन कराने वाली फर्म को व्यापार ऋण सहित कई अन्य सुविधाओं में लाभ मिलता है।

----------------- कारोबार के लिए 159 ऋण मंजूर

प्रधानमंत्री एम्पलोइमेंट जनरेशन प्रोग्राम(पीएमईजीपी) के तहत नए रोजगार हेतु ऋण लेने के लिए इस साल 372 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स समिति ने 159 ऋण फाइलों को मंजूरी दी है।

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दिल्ली की सी¨लग से धारूहेड़ा व बावल में आए लघु उद्योग दिल्ली के रिहायशी इलाकों में चल रहे विभिन्न लघु उद्योगों पर सी¨लग की मार पड़ी है। इस साल सी¨लग की मार पड़ने से धारूहेड़ा व बावल में बड़ी तादाद में लघु उद्योग आए हैं। इन छोटे उद्योगों के लिए बावल व धारूहेड़ा सबसे उत्तम हैं। दिल्ली-जयपुर हाइवे से सीधा जुड़ाव होने के कारण यहां पर माल लाना व लेकर जाना खासा आसान है। दूसरा ये दोनों औद्योगिक क्षेत्र दिल्ली के नजदीक है तथा यहां सस्ते औद्योगिक प्लॉट की उपलब्धता ने दिल्ली के व्यापारियों को रेवाड़ी तक खींचा।

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जीएसटी से व्यापार करना हुआ आसान

जीएसटी से कारोबार में पारदर्शिता के साथ ही व्यापार करना आसान हुआ है। हाल ही में जीएसटी स्लैब में बहुत सी वस्तुओं पर कर में कमी की गई है जिसके चलते भी व्यापारियों ने और भी अधिक राहत ली है। आबकारी कराधान विभाग के पास 9 हजार के लगभग जीएसटी नंबर पंजीकृत हो चुके हैं। जीएसटी की स्लैब से लेकर नियमों में हुए बदलाव से अब काफी आसानी भी हुई है। रिटर्न भरने में जो दिक्कतें उद्योगों को आ रही थी उनमें काफी छूट मिलने के साथ छोटे उद्योगों को भी राहत दी गई है।

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बावल-धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं पर सरकार का रूख सकारात्मक रहा है। उद्योगों के लिए अब बेहतर माहौल मिलने लगा है। सबसे बेहतरीन बात मुझे ई-बिज पोर्टल को लेकर लगी है। इस एक पोर्टल पर उद्योगों की तमाम समस्याओं का समाधान है। जीएसटी को लेकर शुरूआती दिक्कतें थी जो कि अब दूर हो गई हैं।

-प्रदीप हतगांवकर, उपप्रधान रेवाड़ी चैंबर ऑफ कामर्स इंडस्ट्रीज।

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