Rewari: रोडवेज चालकों की होगी मेडिकल फिटनेस जांच, इस कारण लिया ये फैसला
परिवहन विभाग की ओर से रोडवेज चालकों की आंखों तथा मेडिकल फिटनेस जांच कराने के लिए सभी डिपो महाप्रबंधकों को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं। रोडवेज यूनियनों की ओर से किलोमीटर स्कीम की बसों पर कार्यरत चालकों की मेडिकल फिटनेस जांच कराने की मांग की जा रही थी।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। स्थानीय रोडवेज डिपो में कार्यरत चालकों की अब मेडिकल फिटनेस की जांच की जाएगी। वहीं डिपो के अंतर्गत संचालित किलोमीटर स्कीम की बसों में कार्यरत चालकों को भी इस जांच में शामिल किया जाएगा। हरियाणा राज्य परिवहन विभाग की बसों में आए दिन किसी न किसी जिले में हादसे हो रहे हैं। इस बात को परिवहन विभाग के अधिकारियों ने भी माना है। परिवहन विभाग ने हादसों पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से अब चालकों की मेडिकल फिटनेस जांच कराने का निर्णय लिया है।
रोडवेज चालकों की होगी जांच
परिवहन विभाग की ओर से रोडवेज चालकों की आंखों तथा मेडिकल फिटनेस जांच कराने के लिए सभी डिपो महाप्रबंधकों को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं। रोडवेज यूनियनों की ओर से किलोमीटर स्कीम की बसों पर कार्यरत चालकों की मेडिकल फिटनेस जांच कराने की मांग की जा रही थी। स्थानीय डिपो में विभाग के 230 चालक कार्यरत हैं, जबकि किलोमीटर स्कीम की बस पर 40 चालक कार्यरत हैं।
हादसों के कारण छवि हो रही प्रभावित
हरियाणा राज्य परिवहन विभाग की बसों में हो रहे हादसों के कारण न केवल आमजन को जान-माल की हानि हो रही है, बल्कि विभाग को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, विभाग की छवि भी प्रभावित हो रही है। गत दिनों दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सोनीपत डिपो की रोडवेज बस व कार की टक्कर हो गई थी, जिस हादसे में पांच युवकों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। जबकि कई सवारियां घायल हो गई थीं।
पहले भी हुआ था हादसा
वहीं, इससे करीब एक माह पूर्व बहरोड़ के निकट रेवाड़ी डिपो के अंतर्गत संचालित किलोमीटर स्कीम की बस पुल से नीचे गिर गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत होने के साथ कई सवारियां घायल हो गई थी। महाप्रबंधक रोडवेज रवीश हुड्डा ने कहा कि हमारे पास परिवहन निदेशालय से आदेश आ गए हैं। जल्द ही शेड्यूल बनाकर सभी चालकों की मेडिकल फिटनेस की जांच कराई जाएगी।
चालकों की होनी चाहिए मेडिकल फिटनेस जांच
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रधान प्रवीन ने कहा कि विभाग का यह अच्छा फैसला है। समय-समय पर चालकों की मेडिकल फिटनेस जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही विभाग को किलोमीटर स्कीम की बसों पर नियमानुसार चालकों की नियुक्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।