अतिथि अध्यापकों को समायोजित करने की मांग
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय प्रधान अनिल यादव न
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय प्रधान अनिल यादव ने सरकार से अतिथि अध्यापकों की सेवाओं को निरस्त करने के बजाय उन्हें समायोजित करने की मांग की है। इसके लिए सर्वमान्य रास्ता निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में इन शिक्षकों द्वारा की गई अमूल्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए इन्हें नियमित करने का रास्ता निकालना सरकार की जिम्मेदारी है। एक दशक के बाद किसी की रोजी रोटी को छीनना अन्याय है। आज ये अध्यापक जीवन के उस मोड़ पर हैं जहां आगे कोई रास्ता नहीं जाता। भले यह समस्या पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पैदा की गई हो परंतु जनकल्याणकारी सरकार का मुख्य एजेंडा होता है कि न्यायिक प्रक्रिया की मजबूरियों को पूरा करने के उपरांत भी इन अध्यापकों का विभाग में ही समायोजित कर सकता है। 45 हजार पद खाली होने के बावजूद इन अध्यापकों को हटाना ज्यादती है। न्यायालय को मनाना सरकार का काम है। दस वर्ष की सेवा के बाद इनका हक बनता है कि सरकार इनको नियमित करे। जब सरकार कच्चे कर्मचारियों, वर्क चार्ज, एडहोक को योजना बनाकर नियमित कर सकती है तो अतिथि अध्यापकों को क्यों नहीं।