स्मार्ट सिटी करनाल में अनूठी पहल, अब शोर-शराबा मुक्‍त होगा ये शहर

अब हरियाणा के इस स्‍मार्ट सिटी में एक अनूठी पहल शुरू होने वाली है। इस पहल से शहर शोर शराबा मुक्‍त होगा। इसमें सामाजिक संगठन के लोग भी सहयोग के लिए सामने आए। इसका मकसद लोगों को बढ़ रहे ध्‍वनि प्रदूषण से निजात दिलाना है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 09:45 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 09:45 AM (IST)
स्मार्ट सिटी करनाल में अनूठी पहल, अब शोर-शराबा मुक्‍त होगा ये शहर
हरियाणा के करनाल मेें नो हार्न डे मनाया जाएगा।

करनाल, जेएनएन। स्मार्ट सिटी की रंगत में ढलने के साथ ही करनाल के बाशिंदों को वायु व ध्वनि प्रदूषण से निजात दिलाने के प्रयास जोर पकड़ रहे हैं। इसी क्रम में एक तरफ जहां स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत अब नागरिकों की सीधी जिम्मेदारी तय की जाएगी वहीं ध्वनि प्रदूषण से बचाने के लिए अनूठी पहल के रूप में नो हॉर्न डे मनाया जाएगा। इसके लिए उपायुक्त ने सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की है। पूरी प्रक्रिया का मकसद जनता को ध्वनि प्रदूषण से बचाने के लिए जागरुक करना है। 

उपायुक्त निशांत यादव ने इस बारे में बताया कि करनाल अब स्मार्ट सिटी हो गया है। ऐसे में यहां वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष प्रयासों की सख्त जरूरत है। इसी के तहत शहर में एक दिन के लिए नो होर्न डे मनाने की शुरुआत की जाएगी। नो हार्न डे के संदेश से प्रेरित होकर वाहन चालक हार्न नहीं बजाएंगे तो ध्वनि प्रदूषण काफी कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह भी सच है कि हालांकि केवल एक दिन ऐसा करने से कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ता लेकिन नियमित रूप से ऐसा होने पर जनता में कुछ न कुछ जागरूकता अवश्य आएगी। इसके लिए उन्होंने शहर की सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग की पुरजोर अपील की। 

शिशु कार्ड में जुड़ेगा श्रवण परीक्षण

डीसी निशांत यादव ने बताया कि कि बच्चे को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए जितना टीकाकरण जरूरी है, उतना ही जरूरी कान से सुनना भी है। इसके लिए आंगनवाड़ियों में बनाए जाने वाले शिशु कार्ड में हियरिंग टेस्ट जरूरी करवाने को भी एड करेंगे। डीसी ने कहा कि चौंकाने वाली बात है कि भारत में करीब 26 करोड़ व्यक्ति सुनने की समस्या से प्रभावित हैं यानि हर पांच में एक व्यक्ति। इसे देखते हुए यह समस्या आजकल एक चुनौती बनती जा रही है। छोटे बच्चों की बात करते उन्होंने कहा कि मोबाइल से खेलना बच्चों की आम बात है लेकिन यह मनोरंजन से ज्यादा दुश्मन की तरह है।

ज्यादा देर कान से सटाकर न रखें मोबाइल

ईएनटी विशेषज्ञ डा. संजय खन्ना ने बताया कि एक सामान्य व्यक्ति द्वारा किसी की बात को सुनने की प्रक्रिया बहुत संवेदनशील होती है। कान हमेशा स्वस्थ रहें, इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मोबाईल ज्यादा देर तक कान से सटाकर नहीं रखना चाहिए। जहां भी 70 डेसिबल से ज्यादा का शोर हो उससे दूर रहें। डायबटिक, डिप्रेशन, हाईपरटेंशन, हार्ट प्रॉब्‍लम व चक्कर आने जैसी तकलीफों में अपने कान को जरूर चैक करवाएं। ठीक होने के लिए हियरिंग एड ले सकते हैं और आपेरशन भी करवा सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पांच साल के बच्चे के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा है, उसका कॉक्लियर इम्पलांट करवा सकते हैं। वहीं सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने बताया कि विश्व श्रवण दिवस पर सर्वजन श्रवण सुरक्षा का थीम लिया गया है। इस बीमारी से बचाव के लिए सावधानी और जागरूकता का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, आईएमए मिलकर समय-समय पर कार्यक्रम करते हैं। ऐसे कार्यक्रमों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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