ट्रांसपोर्टरों ने रोका पहिया, उद्योगों का निर्यात से लेकर रिफाइनरी तक का टांसपोर्ट ठप

पानीपत में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अनिश्चितकालीन हड़ताल से 20 करोड़ का नुकसान हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Jul 2018 08:51 AM (IST) Updated:Sat, 21 Jul 2018 08:51 AM (IST)
ट्रांसपोर्टरों ने रोका पहिया, उद्योगों का निर्यात से लेकर रिफाइनरी तक का टांसपोर्ट ठप
ट्रांसपोर्टरों ने रोका पहिया, उद्योगों का निर्यात से लेकर रिफाइनरी तक का टांसपोर्ट ठप

जागरण संवाददाता, पानीपत : ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अनिश्चितकालीन हड़ताल से औद्योगिक नगरी में ट्रांसपोर्ट ठहर गया गया। टेक्सटाइल नगरी से बाहर माल नहीं जा सका। करीब 400 कंटेनर और 1000 ट्रकों का माल फैक्ट्रियों में स्टॉक हो गया। हड़ताल में रिफाइनरी के ट्रांसपोर्टरों के भी शामिल होने से यहां से तेल को छोड़कर सारे सामान का ट्रांसपोर्ट बंद रहा। हड़ताल के चलते सब्जी व फलों की आवक में एक साथ भारी कमी आई। पहले दिन पानीपत के ट्रांसपोर्टरों को करीब 20 करोड़ का नुकसान हुआ।

औद्योगिक नगरी के करीब 400 ट्रांसपोर्टरों ने अपने करीब 5500 वाहनों का चक्का जाम कर दिया। ट्रांसपोर्टरों ने सरकार पर उनकी मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाया। प्रधान धर्मबीर मलिक ने कहा कि ट्रांसपोर्टर लंबे समय से अपनी मांगों को सरकार के सामने रख रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर मंथन तक नहीं कर रही।

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दूध और सब्जी को लेकर पांच दिन की चेतावनी

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर मलिक ने बताया कि ट्रांसपोर्टर फिलहाल दूध और सब्जी समेत दैनिक जीवन के सामान की सप्लाई सुचारू रखेंगे। उनकी मांगों को पांच दिन तक लागू नहीं किया गया तो वे भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। हड़ताल के पहले दिन ही सब्जी मंडी में आवक सामान्य दिनों की अपेक्षा 10 प्रतिशत कम रही।

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ट्रांसपोर्टर एक बार टोल देने को तैयार

ट्रांसपोर्टरों की सबसे बड़ी मांग टोलफ्री की है। उनका कहना है कि देश में टोल से हर साल 18 हजार करोड़ रुपये मिलता है। ट्रांसपोर्टर हर साल 20 हजार करोड़ जमा करने को तैयार हैं, लेकिन उनकी गाड़ियों को टोल पर नहीं रोका जाए। गाड़ियों को टोल पर रोकने से 1.70 लाख करोड़ का तेल लाइनों में लगे रहने से जल जाता है।

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ये हैं मांगे

-डीजल के रेट घटाकर इस पर जीएसटी लागू किया जाए।

-पूरे देश में डीजल का एक ही रेट किया जाए।

-ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों को टोल पर नहीं रोका जाए।

-थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को बंद किया जाए।

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20 हजार इकाइयों का 32 हजार करोड़ का सालान कारोबार

औद्योगिक नगरी में छोटी बड़ी करीब 20 हजार इकाइयां हैं। यहां से करीब 32 हजार करोड़ का सालाना कारोबार होता है। इसमें करीब 26 हजार करोड़ का डोमेस्टिक बाजार और छह हजार करोड़ का एक्सपोर्ट बाजार है।

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उद्यमी बोले- हड़ताल खतरनाक

कोट्स फोटो-27

हैंडलूम एक्सपोर्टरर मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन के प्रधान रमेश वर्मा ने बताया कि उद्योग ट्रांसपोर्टरों पर निर्भर होता है। हड़ताल के पहले दिन एक भी ट्रक या कंटेनर नहीं जा सका। यह उद्योगों के लिए खतरा है। सरकार को हड़तालियों की मांगों को मान लेना चाहिए।

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उद्यमी अश्विनी शर्मा ने बताया कि पानीपत में सबसे ज्यादा डोमेस्टिक बाजार है। शुक्रवार को व्यापारी सामान खरीदने तो आए, लेकिन हड़ताल के चलते किसी तरह की खरीदारी नहीं की गई। हड़ताल लंबे समय तक चली तो अगस्त माह में शुरू होने वाली मार्केट ठप हो जाएगी।

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