2286 किलोमीटर साइकिल यात्रा पर निकला है ये लेफ्टिनेंट, गर्व का यूं कराता है अहसास

लेफ्टिनेंट आयुष जैन अपने साथियों के साथ साइकिल यात्र पर निकले। 27 अक्‍टूबर को नई दिल्‍ली पहुंचेंगे, जहां थल सेना अध्‍यक्ष विपिन रावत भी मौजूद होंगे।

By Edited By: Publish:Mon, 22 Oct 2018 12:53 AM (IST) Updated:Mon, 22 Oct 2018 04:28 PM (IST)
2286 किलोमीटर साइकिल यात्रा पर निकला है ये लेफ्टिनेंट, गर्व का यूं कराता है अहसास
2286 किलोमीटर साइकिल यात्रा पर निकला है ये लेफ्टिनेंट, गर्व का यूं कराता है अहसास

जेएनएन, पानीपत - भारतीय सेना का ये लेफ्टिनेंट एक खास सफर पर निकला है। मकसद वही है। देश की रक्षा। पर इस बार तरीका दूसरा है। युवाओं को वो जवानों की बहादुरी के किस्‍से बताते हैं। उन्‍हें बताते हैं कि हमारी सेना ने किस तरह पाकिस्‍तान को धूल चटाई। सेना का गौरवशाली इतिहास बताते हुए युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं। दिलचस्‍प ये है कि वो इस सफर पर साइकिल पर निकले हैं। 2286 किलोमीटर की है उनकी यात्रा। पढि़ए ये विशेष खबर।

पंजाब रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट आयुष सारण भारतीय सेना के नौ जवानों को लेकर युवाओं को सेना में भर्ती के प्रति जागरूक करने के लिए 27 सितंबर को रेजिमेंट सेंटर रामगढ़ झारखंड से निकले थे।  लेफ्टिनेंट आयुष एक दिन पहले ही कुरुक्षेत्र पहुंचे। दैनिक जागरण से उन्होंने विशेष बातचीत की। साइकिल रैली की अगुवाई लेफ्टिनेट आयुष सारण कर रहे थे।

पैदल सेना ने पाकिस्‍तान को खदेड़ा था

शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि 1947 में जब पाकिस्तान की सेना ने जम्मू और कश्मीर पर हमला कर दिया तो सिख रेजिमेंट ने पैदल रास्ते से पाकिस्तानियों को वापस खदेड़ा था। श्रीनगर के हवाई अड्डा को बचाया था। अगर हवाई अड्डे तक सेना नहीं पहुंच पाती तो कश्मीर से उन्हें वापस खदेड़ना मुश्किल होता। इसलिए इस दिवस को बहुत ही गौरवशाली दिन के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि उनकी साइकिल यात्रा 27 अक्टूबर को नई दिल्ली में इंडिया गेट पर संपन्न होगी, जहां थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत शिरकत करेंगे।

यहां-यहां से गुजरी यात्रा

आयुष ने बताया कि उनके साथ साइकिल यात्रा में भारतीय सेना के जवान परमिंदर, राहुल, अमर कुमार, हरप्रीत सिंह, मंगल सिंह, विपिन, अर्शदीप सिंह, ऋषभ राणा और जसप्रीत सिंह शामिल हैं। यह यात्रा उन्होंने झारखंड से शुरू की थी, जो सासाराम, बनारस, प्रयागराज, आगरा, दिल्ली, भठिंडा, फिरोजपुर, अटारी बार्डर से होते हुए कुरुक्षेत्र पहुंची। उन्होंने बताया कि इसी धरती से विश्व भर में गीता का सार गूंजा। गीता से निकले कर्म संदेश को सेना के जवान भी मानते हैं। ऐसे में इस धरती पर आकर उन्हें अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हमारे देश की शान है और इसमें युवाओं के लिए सुनहरे अवसर मिलते हैं, जिसमें युवाओं को भागीदारी करनी चाहिए।

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