Jagran Impact- छठ घाटों की सफाई शुरू, नहाय खाय कल

चार दिवसीय पर्व की तैयारी में जुटा शहर। 14 नवंबर को होगा छठ का समापन । जागरण ने एक दिन पहले यहां अव्‍यवस्‍था पर उठाया था सवाल। जो महिलाएं व्रत रखती हैं, वह भूमि पर सोती हैं।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Fri, 09 Nov 2018 09:12 PM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 04:44 PM (IST)
Jagran Impact- छठ घाटों की सफाई शुरू, नहाय खाय कल
Jagran Impact- छठ घाटों की सफाई शुरू, नहाय खाय कल

जागरण संवाददाता, पानीपत : आखिरकार छठ घाटों की साफ-सफाई कराने का कार्य प्रशासन ने शुरू कर दिया है। नगर निगम की तरफ से शुक्रवार को जेसीबी चला कर घाट की सफाई की गई। नहरी विभाग की तरफ से  रविवार को नहाय खाय से छठ पर्व शुरू होगा। 14 नवंबर को उगते सूर्य को अघ्र्य अर्पित करने के बाद इस पर्व का समापन हो जाएगा।  एक दिन पहले ही जागरण ने यहां अव्‍यवस्‍था पर सवाल उठाया था।

बिहार और उत्तर प्रदेश के 2.50 लाख से अधिक लोग पानीपत में रहते हैं। कार्तिक शुल्क पक्ष षष्ठी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। पानीपत में गोहाना रोड एनएफएल राजवाहा और असंध रोड नहर पर हजारों परिवार छठ पर्व मनाने आते हैं। पुत्र की प्राप्ति और पति के दीर्घायु के लिए यह पर्व किया जाता है। छठ पूजा 11 नवंबर से शुरु होगा। पहले दिन नहाय खाय होगा। महिलाएं लौकी की सब्जी और भात (चावल) से भोजन तैयार करेंगी। 12 को खरना होगा। 13 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। खरना करने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखेंगे।

व्रत के नियम  
जो महिलाएं व्रत रखती हैं, वह भूमि पर सोती हैं। गेहूं के आटे का ठकुआ बनाया जाता है। चावल पीस कर उसका लड्डू बनाते हैं। खरना के दिन घरों में डलिया में पकवान, फल और नारियल सजाते हैं। महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं।  इस दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं।

 तिथि के अनुसार पर्व
11 नवंबर : नहाय खाय  
12 नवंबर : खरना  
13 नवंबर : अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्‍य
14 नवंबर : उगते सूर्य को अर्घ्‍य

 घाटों की तैयारी
गोहाना रोड एनएफएल गेट सामने तथा असंध रोड नहर पर छट पूजा होती है। छट पूजा को ध्यान में रखते हुए यहां सफाई की जा रही है। जेसीबी से भूमि समतल की जा रही है।

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