कुरुक्षेत्र के श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय ने डी-फार्मा आयुर्वेद के विद्यार्थियों को दिया मर्सी चांस, यहां से प्राप्त करें जानकारी

विश्वविद्यालय ks परीक्षा शाखा नियंत्रक डा. सतीश वत्स ने बताया कि साल 2018 बैच डी-फार्मा आयुर्वेद प्रथम व द्वितीय वर्ष के काफी विद्यार्थी किसी कारणवश परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके हैं। ऐसे विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय ने मर्सी चांस दिया है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Thu, 11 Nov 2021 02:59 PM (IST) Updated:Thu, 11 Nov 2021 02:59 PM (IST)
कुरुक्षेत्र के श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय ने डी-फार्मा आयुर्वेद के विद्यार्थियों को दिया मर्सी चांस, यहां से प्राप्त करें जानकारी
अधिसूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय ने 2018 बैच डी- फार्मा आयुर्वेद के विद्यार्थियों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए प्रवेश उपरांत चार वर्ष में प्राप्त अधिकतम परीक्षा अवसरों सहित मर्सी चांस का अवसर दिया है। पात्र अभ्यर्थियों की परीक्षाएं वार्षिक परीक्षाओं के साथ निर्धारित समय अवधि में ही पर कराई जाएंगी। परीक्षा फार्म भरने की तिथि विश्वविद्यालय द्वारा आगामी दिनों में जारी कर दी जाएगी। इसकी अधिसूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।

परीक्षा शाखा नियंत्रक डा. सतीश वत्स ने बताया कि साल 2018 बैच डी-फार्मा आयुर्वेद प्रथम व द्वितीय वर्ष के काफी विद्यार्थी किसी कारणवश परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके हैं। ऐसे विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय ने मर्सी चांस  दिया है। मर्सी चांस की परीक्षाएं वार्षिक परीक्षाओं के साथ निर्धारित समय अवधि में कराई जाएंगी। परीक्षा फार्म भरने की तिथि विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा जल्द ही जारी करेगा। उन्होंने बताया डी-फार्मा आयुर्वेद में रि-अपीयर के पहले नियमों में संशोधन किया गया है। दो साल के डिप्लोमा में विद्यार्थियों को चार साल के भीतर कोर्स पूरा करना होता था। उसके लिए विद्यार्थियों को दो बार रि-अपीयर का अवसर दिया जाता था।

अब संशोधित नियमानुसार विद्यार्थियों को चार साल में अधिकतम अवसर देने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही विद्यार्थियों के बहुतायत हित को ध्यान में रखते हुए नियम को 2018-19 बैच से ही लागू कर दिया गया है। विद्यार्थियों को चार साल पूर्ण होने के बाद भी स्पेशल मर्सी चांस विशेष परिस्थियों में दिए जाने का प्रावधान भी नियमों में विश्वविद्यालय ने किया है।

डी-फार्मा आयुर्वेद प्रथम वर्ष री-अपीयर का परीक्षा परिणाम जारी

परीक्षा शाखा नियंत्रक डा. सतीश वत्स ने बताया कि डी-फार्मा आयुर्वेद प्रथम वर्ष री-अपीयर का परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया गया है। 25 विद्यार्थियों ने री-अपीयर की परीक्षाएं दी थी। इनमें से दो विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके साथ ही रिवेलूवेशन का फार्म विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। विद्यार्थी आनलाइन या आफलाइन दोनों माध्यमों से फार्म जमा करा सकते हैं।

कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाना है। विश्वविद्यालय के लिए छात्र हित महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। ऐसे विद्यार्थी जो किसी बीमारी या विपरीत परिस्थितियों में परीक्षा पास नहीं कर पाए, उन्हें दया अवसर दिया जा रहा है। ताकि विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनें।

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