Lockdown Effect : Yamuna नदी के पानी की जांच में चौकाने वाले नतीजे, 20 साल बाद शुद्धता का उच्च स्तर

लॉकडाउन की वजह से यमुना नदी 20 साल में अपने शुद्धता के उच्‍च स्‍तर पर है। पानी इतना स्‍वच्‍छ है कि इसके उपयोग में कोई दिक्‍कत नहीं है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 20 May 2020 12:51 PM (IST) Updated:Wed, 20 May 2020 12:51 PM (IST)
Lockdown Effect :  Yamuna नदी के पानी की जांच में चौकाने वाले नतीजे, 20 साल बाद शुद्धता का उच्च स्तर
Lockdown Effect : Yamuna नदी के पानी की जांच में चौकाने वाले नतीजे, 20 साल बाद शुद्धता का उच्च स्तर

पानीपत/यमुनानगर, [शैलजा त्यागी]। लॉकडाउन में यमुना नदी के जल की शुद्धता 20 सालों में उच्च स्तर पर पहुंच गई। यमुना जल में बीओडी (बायो कैमिकल ऑक्सीजन डिमांड) का स्तर एक मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से यमुना जल का सैंपल लेकर जांच करवाई, तो यह खुलासा हुआ है। पानी इतना स्वच्छ है। इसके उपयोग में कोई दिक्कत नहीं है। 

बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक यमुना जल की शुद्धता तीन मेजर पैरामीटर के आधार मापी जाती है। जिसमें बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) की मात्रा 30 मिलीग्राम प्रति लीटर , सीओडी (कैमिकल ऑक्सीजन डिमांड) की मात्रा 250 मिलीग्राम प्रति लीटर व टीएसएस (टोटल सस्पेंड सॉलिड) की मात्रा 100 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। उक्त पैरामीटर में जलीय जीव सुरक्षित रहते हैं। इससे ज्यादा होने पर उनके जीवन को खतरा है। जिसका प्रभाव मानव जीवन पर भी पड़ता हैं। 

लॉकडाउन से पहले फरवरी व मार्च में सैंपलिंग की गई। जिसमें बीओडी, सीओडी व टीएसएस की मात्रा निर्धारित मानकों के आसपास आई।  बोर्ड के अधिकारियों ने राहत महसूस की। लॉकडाउन के दौरान जब 10 अप्रैल को दोबारा सैंपलिंग की गई, तो नतीजे चौंकाने वाले आए। यमुना जल में बीओडी की मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर पहुंच गई। ये रिपोर्ट लंबे समय बाद आई है। 

 हमारी जांच में तो बीओडी की मात्रा 1500 तक आ चुकी है : गुप्ता 

पर्यावरण विद डॉक्टर अजय गुप्ता का कहना है कि विभाग की रिपोर्ट राहत देने वाली है। अधिकारियों की सफलता इसी में है कि रिपोर्ट इसी आए। रिपोर्ट से खुलासा हो गया कि फैक्ट्रियों का कैमिकल युक्त पानी यमुना नदी में जा रहा था। लॉकडाउन में सभी फैक्ट्री बंद थी। उनके मुताबिक यमुना में बीओडी की मात्र 15 सौ मिलीग्राम प्रति लीटर का चुकी है। हालांकि इस रिपोर्ट में अधिकारियों ने मानने से इंकार कर दिया था।  

पीने योग्य पानी में जीरो व नहाने के पानी में तीन बीओडी जरूरी

पीने योग्य पानी में बीओडी की मात्रा जीरो होनी चाहिए। जबकि नहाने के पानी में यह मात्रा तीन होनी चाहिए। यमुना के पानी में बीओडी की मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज की गई है। इस पानी को नहाने योग्य माना जा सकता है। लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक ईकाइयां बंद रहीं, जिस कारण फैक्टरियों से गंदा पानी नहीं निकला। इस वजह से यमुना जल की शुद्धता में सुधार हुआ।

मसकारा नाला से लिए गए सैंपल का ब्यौरा (मिलीग्राम प्रति लीटर) माह               बीओडी       सीओडी      टीएसएस फरवरी               7           39            18 मार्च                   8          41            16 अप्रैल               2.5        17.6            8 मसकारा नाले से पहले यमुना से लिए गए सैंपल का ब्यौरा फरवरी               3        15.                2 5 मार्च              2.8         13.6             5.1 अप्रैल              01          05               5.2 मसकारा नाला मिलने के बाद यमुना से लिए गए सेंपल का ब्यौरा फरवरी                14        56.4             11 मार्च                     11       50.8            12 अप्रैल                  01        11.2              07

लॉकडाउन के दौरान यमुना जल में बीओडी की मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज की गई है। जिसे अभी तक की आइडियल सिचुएशन माना जा सकता है। जल की शुद्धता के लिए जो पैरामीटर निर्धारित किए हैं,उन सभी में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

निर्मल कश्यप, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यमुनानगर।

chat bot
आपका साथी