महापुरुषों का अवतरण अहिसा और प्रेम का संदेश : सुभद्र मुनि

जागरण संवाददाता पानीपत जैनाचार्य सुभद्र मुनि ने कहा कि महापुरुषों का अवतरण सृष्टि में मानव

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 05:53 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 05:53 AM (IST)
महापुरुषों का अवतरण अहिसा और प्रेम का संदेश : सुभद्र मुनि
महापुरुषों का अवतरण अहिसा और प्रेम का संदेश : सुभद्र मुनि

जागरण संवाददाता, पानीपत : जैनाचार्य सुभद्र मुनि ने कहा कि महापुरुषों का अवतरण सृष्टि में मानवता का संदेश है। जब भी उनका इस धरा पर आगमन होता है, वह अहिसा, प्रेम, सौहार्द, सद्भावना, भाइचारे की शिक्षा देता है। महापुरुषों ने जीवन जीने के कला सिखाई।

सुभद्र मुनि एसएस जैन सभा गांधी मंडी द्वारा संघशास्ता गुरुदेव रामकृष्ण महाराज की जीवन गाथा पर अष्ट दिवसीय कथा के दूसरे दिन बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गुरुदेव रामकृष्ण कहा करते थे मानव जीवन दुर्लभ है। मानव जन्म में मानवता का सूर्य उदय होना दुर्लभ है। उन्होंने जन-जन में परस्पर अपनत्व भाव की प्रेणा दी। जाति, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर धर्म की राह बताते थे, क्योंकि महापुरुषों का जीवन सत्य का जीवन होता है। रामकृष्ण महाराज का रोहतक में अवतरण हुआ। उनका आदर्श जीवन तत्कालीन और आज भी प्रेणा स्त्रोत है। मानव को सम्यक ज्ञान का प्रकाश देता है।

आचार्य सुभद्र ने गुरुदेव रामकृष्ण महाराज के जीवन की बचपन की मार्मिक चर्चा करते हुए कहा कि वे शिक्षा प्राप्ति के दौरान परस्पर बच्चों से मिलकर रहते थे, माता-पिता, गुरुजनों का आदर करते थे। कभी झूठ न बोलना आदि गुणों का रोपण उन्होंने बाल संघ को प्रदान किया। उन्होंने अनेक अभिनय अर्जुन इत्यादि कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। वैश्य संस्थान में अपने समय हाकी कैप्टन रहे। आचार्य सुभद्र मुनि ने गुरुदेव रामकृष्ण महाराज के अनेक संस्मरण प्रस्तुत किए। साध्वी रत्ना शिवाजी महाराज, अमित मुनि ने अपने विचार रखे।

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