इस शहर में बेटी बचाने आए थे पीएम मोदी और माधुरी, पर जंग जीत न सके
प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी को पानीपत की धरती से समूचे देश को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया था। अब वही जिला लिंगानुपात में पिछड़ा है। हालांकि हरियाणा ओवरआल अव्वल रहा।
पानीपत, [राज सिंह]। जनवरी का यही महीना था। मंच पर थे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित। संदेश दिया कि बेटियों को बचाने और पढ़ाने के लिए हम सभी को प्रयास करना होगा। इसके बाद जो चौकाने वाले तथ्य सामने आए, उस पर यकीन करना मुश्किल होगा। तीन बड़ी जंग के गवाह पानीपत में पीएम ने ये अपील की थी, वहीं इसका असर नहीं दिखा। जिस तरह इस मैदान पर तीन जंग हार गए, उसी तरह बेटी बचाने की इस लड़ाई में फिलहाल सकारात्मक असर नहीं दिख रहा है। अब इसके पीछे वजह चाहे जो भी हो, लेकिन हकीकत आपके सामने है। विस्तृत खबर के लिए पढ़ें दैनिक जागरण की ये रिपोर्ट।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को पानीपत की ऐतिहासिक धरती से समूचे देश को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया था। 24 जनवरी को इस अभियान की चौथी वर्षगांठ मनाई जानी है। इसी दिन नई दिल्ली में नेशनल गर्ल चाइल्ड डे के अवसर पर 5 राज्यों व संघीय प्रदेशों के 25 जिलों को पुरस्कार मिलना है। ऑल ओवर ट्रॉफी के साथ हरियाणा को कुल चार पुरस्कार मिलने हैं। चौंकाने वाला पहलू यह कि अभियान का नेतृत्व करने वाला पानीपत पुरस्कार सूची में जगह नहीं बना सका है।
ओवरऑल पुरस्कार हरियाणा को मिला
महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कई अभियान सफलतापूर्वक चल रहे हैं। ओवरऑल पुरस्कार हरियाणा को मिलेगा। करनाल को इफेक्टिव कम्युनिटी एंगेजमेंट श्रेणी, जिला झज्जर को एनेबलिंग गर्ल चाइल्ड एजुकेशन और जिला कुरुक्षेत्र को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को सही ढंग से लागू करने की श्रेणी के लिए चुना गया है। दूसरी तरफ, पानीपत का लिंगानुपात वर्ष 2018 में 901 तक सिमट गया जबकि प्रदेश का लिंगानुपात 914 रहा।
पहले स्थान पर सिरसा
बता दें कि वर्ष 2017 में पानीपत का लिंगानुपात 945 तक पहुंच गया था और प्रदेश में जिला दूसरे स्थान पर रहा था। वर्ष 2018 में प्रदेश के टॉप चार जिलों में भी स्थान नहीं बना सका। पहले स्थान पर सिरसा 935, द्वितीय करनाल 934, तृतीय जींद 927 और चौथे स्थान पर रहे सोनीपत-युमनानगर का लिंगानुपात 925 लड़कियां प्रति 1000 लड़के हैं।
वर्ष 2018 में पानीपत का लिंगानुपात जनवरी 848 फरवरी 944 मार्च 885 अप्रैल 908 मई 917 जून 828 जुलाई 850 अगस्त 896 सितंबर 971 अक्टूबर 877 नवंबर 895 दिसंबर 900
वर्ष 2018 में प्रदेश के जिलों का लिंगानुपात
पानीपत के पिछडऩे का कारण
जागरूकता कार्यक्रम कराए थे
जिले में जागरूकता कार्यक्रम कराए गए थे। जिन गांवों का लिंगानुपात 900 से कम रहा है, उन पर खास फोकस किया जाएगा। ग्राम पंचायत की मदद से ग्रामीणों को जागरूक करेंगे। आंगनबाड़ी वर्कर्स भी समय-समय पर महिलाओं को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देती रहेंगी।
सरला यादव, डीपीओ-महिला एवं बाल विकास विभाग
सूचना तंत्र को मजबूत करने के आदेश
वर्ष 2017 में हम 945 तक पहुंच गए थे, 2018 में पिछडऩा चिंताजनक है। पीसीपीएनडीटी टीम को अल्ट्रासाउंड केंद्रों, दवा दुकानों पर रूटीन निरीक्षण करने और सूचना तंत्र को मजबूत कर छापेमारी करने के निर्देश दिए हैं। संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर भी प्लानिंग करेंगे।
डॉ. नवीन सुनेजा, डिप्टी सिविल सर्जन