एसडीएम से मिली छात्राएं, प्रबंधन पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप

जागरण संवाददाता, समालखा : वैश्य कन्या महाविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस के तहत पढ़ने वाली छात्राओं

By Edited By: Publish:Sat, 21 Jan 2017 02:13 AM (IST) Updated:Sat, 21 Jan 2017 02:13 AM (IST)
एसडीएम से मिली छात्राएं, प्रबंधन पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप
एसडीएम से मिली छात्राएं, प्रबंधन पर मनमानी फीस वसूलने का आरोप

जागरण संवाददाता, समालखा :

वैश्य कन्या महाविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस के तहत पढ़ने वाली छात्राओं ने एसडीएम गौरव कुमार से मिलकर प्रबंधन पर मनमानी फीस वसूली व बेवजह जुर्माना लगा वसूल करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रबंधक की मनमर्जी के खिलाफ एसडीएम को लिखित शिकायत भी दी। वहीं, एसडीएम ने कॉलेज प्राचार्य से बात कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।

शुक्रवार को दोपहर के समय लघु सचिवालय में बीस के करीब छात्राएं पहुंची। उन्होंने एसडीएम गौरव कुमार से मिलकर बताया की वो सभी नई अनाज मंडी स्थित वैश्य कन्या महाविद्यालय में बीकॉम द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। छात्राओं ने प्रबंधन पर आरोप लगाया की उनसे मनमर्जी की वार्षिक फीस वसूल की जा रही है। जबकि इतनी किसी भी कालेज में फीस नहीं ली जाती है। छात्राओं ने बताया कि यूनिवर्सिटी के नियमों के मुताबिक साल में विद्यार्थी की 75 प्रतिशत हाजिरी होना जरूरी है, लेकिन इतनी होने के बावजूद ही नहीं, बल्कि लिखित पत्र देकर ली गई छुंट्टी पर भी उनके ऊपर जुर्माना लगा दिया जाता है। उनका कहना है कि एक तो वो इतनी महंगी फीस देने में पहले ही असमर्थ है और ऊपर से मनमाना जुर्माना लगाकर उनको परेशान किया जाता है। इसके बाद एसडीएम ने मामले को लेकर कालेज प्राचार्य से बात की।

प्राचार्य से भी मिली थीं छात्राएं--

एसडीएम के पास पहुंचने से पहले छात्राओं ने कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आभा त्यागी से भी मिलकर वसूली जाने वाली फीस को कम करने व बेवजह लगाए जाने वाले जुर्माने पर रोक को लेकर मांग की थी। प्राचार्य ने उन्हें समझाते हुए नियमों के अनुसार ही फीस लिये जाने की बात कहीं, लेकिन वो संतुष्ट न होकर एसडीएम के पास पहुंच गई।

क्या कहती हैं प्राचार्य--

कॉलेज में सेल्फ फाइनेंस के तहत पढ़ने वाली छात्राओं ने मेरे से मिलकर ली जाने वाली वार्षिक फीस कम करने की बात कही थी, लेकिन फीस यूनिवर्सिटी के नियमों के मुताबिक ही ली जा रही है। मनमानी फीस वसूलने जैसी कोई बात नहीं है। जहां तक बात जुर्माना लगाने की है, जिसकी हाजिरी कम होती है, उसे ही नियमानुसार जुर्माना लगाया जाता है।

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