मां की ममता हुई कम ताे बच्‍चों ने उठाया बड़ा कदम, फिर आंसुओं की धार में जागा प्‍यार

पानीपत के समालखा में एक कमाल का मामला सामने आया। बच्‍चों को मां का प्‍यार नहीं मिला तो वे बाल कल्‍याण समिति में पहुंच गए। इसके बाद मां की ममता जागी और उसने बच्‍चों को गले लगा लिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 27 Jul 2019 10:11 AM (IST) Updated:Sat, 27 Jul 2019 01:52 PM (IST)
मां की ममता हुई कम ताे बच्‍चों ने उठाया बड़ा कदम, फिर आंसुओं की धार में जागा प्‍यार
मां की ममता हुई कम ताे बच्‍चों ने उठाया बड़ा कदम, फिर आंसुओं की धार में जागा प्‍यार

पानीपत, [राज सिंह]। एक महिला अपने तीन बच्‍चों की उपेक्षा कर रही थी। न तो उसे बच्‍चों के खाने-पीने का ध्‍याल रहता था और न किसी अन्‍य बात का। बच्‍चों को छोड़कर वह अक्‍सर मायके चली जाती थी। अपनी धुन में ही रहने वाली मां का रवैया नहीं बदला तो बच्‍चों ने बड़ा कदम उठाया। इसके बाद मां की आंखें खुल गईं और बच्‍चों को खोई हुई ममता मिल गई। दरअसल बच्‍चों ने मां के तौर-तरीके से परेशान होकर बाल कल्याण समिति को शिकायत कर दी। वहां मां को बुलाया गया तो उसे अपनी गलतियों का अहसास हुआ और उसने आंसुओं के बीच अपने बच्‍चों को गले से लगा लिया।

मामला पानीपत जिले के समालखा ब्लाक के एक गांव का है। मां की उपेक्षा से परेशान तीन बच्चों 12 साल की बेटी और नौ व सात साल के दो बेटों ने घर छोड़ दिया। तीनों स्‍कूल में पढ़ते हैं। वे बाल कल्‍याण समिति पहुंच गए और भरी आंखों व रुंधे गले से अपनी आपबीती सुनाई। उनकी व्‍यथा सुनकर बाल कल्याण समिति के सदस्यों की आंखें भी भर आईं।

बच्‍चों ने मां के नाम बेहद भावुक संदेश भी दिया- 'मां अब हम बड़े हो रहे हैं। आप गलत राह चलोगी और हमारा ख्याल नहीं रखोगी तो हम घर छोड़कर फिर चले जाएंगे। हमें नाना-नानी के घर नहीं रहना। आप और पापा के साथ अपने घर में रहना है। आप साथ रहो, हम आपकी हर बात मानेंगे। घर के कामकाज में भी हाथ बटाएंगे, खूब पढ़ेंगे।'  

हुआ यह कि मां द्वारा की जा रही उपेक्षा से परेशानइन तीन बच्चों ने घर छोड़ दिया। उसके बाद उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर शिकायत की। बाल कल्याण समिति ने बच्चों की व्यथा सुनी तो उनकी मां को बुलाया। पिता टेंपो चलाता है। महिला अपने पति और तीनों बच्चों को छोड़कर बार-बार मायके चली जाती थी।

बच्‍चों ने कहा कि मां हमें खाना भी नहीं देती और बाहर खेलने नहीं जाने देती। अपनी ही धुन में रहती है। महिला के रवैये से महिला का पति व बच्‍चों का टेंपो चालक पिता भी तनाव में रहने लगा। करीब दस दिन पहले महिला रात को अचानक कहीं चली गई। पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो पता चला कि वह मायके में थी।

बार-बार इस तरह की घटना से परेशान तीनों बच्चे घर छोड़कर चले गए। इन्हें चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर याद था और उसी पर कॉल कर दी। हेल्पलाइन के कॉल रिसीवर ने बच्चों को बाल कल्याण समिति का पता दे दिया। इसके बाद तीनों बच्चे वहां पहुंच गए। वहां उन्‍हाेंने अपनी पूरी व्‍यथा बताई। इसके बाद बाल कल्‍याण समिति ने महिला और उसके पति को बुलाया।

मां ने कहा, अब ऐसा नहीं करूंगी   

समिति ने महिला को ममता का पाठ पढ़ाया और मां की जिम्‍मदारियों का अहसास कराया। समिति की चेयरपर्सन एडवोकेट पदमा रानी, सदस्य सरोज देवी और किरण मलिक ने महिला को परिवार की जिम्मेदारी का बोध कराया तो उसने बच्चों से क्षमा मांगी। इसके बाद महिला ने बच्‍चों को गले से लगा लिया और भरोसा दिलाया कि उनको पूरा प्‍यार देगी। इसके बाद दंपती खुशी-खुशी बच्चों संग घर लौट गए। पूरा वाक्‍या क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।

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