ठिठुरते हुए अस्पताल पहुंचे दिव्यांग, ओपीडी के दरवाजे बंद, विधायक को करना पड़ा हस्तक्षेप Panipat News

विधायक प्रमोद विज अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। 14 डॉक्टर छुट्टी पर थे। सर्टिफिकेट बनवाने आए दिव्यांगों को दो घंटे कतार में खड़े रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 02 Jan 2020 11:01 AM (IST) Updated:Thu, 02 Jan 2020 11:02 AM (IST)
ठिठुरते हुए अस्पताल पहुंचे दिव्यांग, ओपीडी के दरवाजे बंद, विधायक को करना पड़ा हस्तक्षेप Panipat News
ठिठुरते हुए अस्पताल पहुंचे दिव्यांग, ओपीडी के दरवाजे बंद, विधायक को करना पड़ा हस्तक्षेप Panipat News

पानीपत, जेएनएन। सिविल अस्पताल का 30 दिन के अंतराल में दूसरी बार निरीक्षण करने पहुंचे शहर विधायक प्रमोद विज 14 डॉक्टरों को छुट्टी पर देख तमतमा गए। चिकित्सा अधीक्षक को कहा कि डॉक्टरों की कमी है, इतने को छुट्टी देने का औचित्य नहीं है। पचास से अधिक दिव्यांग प्रमाणपत्र के लिए दो घंटे से खड़े हैं,कक्ष पर ताला लटका है।जनप्रतिनिधि होने के नाते खुश नहीं हूं,पूरी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भेजूंगा। 

विधायक प्रमोद विज बुधवार की सुबह करीब 10 बजे सिविल अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे और हालात पहले से भी बदतर देख भड़क गए। कक्ष संख्या-10 के बाहर 50 से अधिक दिव्यांगों ने उन्हें घेरकर चिकित्सकों-स्टाफ पर परेशान करने के आरोप लगाए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आलोक जैन से कक्ष न खुलने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा, कई डॉक्टर-स्टाफ छुट्टी पर हैं। दिव्यांग बोर्ड सिविल सर्जन के अधीन है। विधायक ने सिविल सर्जन को कॉल की, कनेक्ट नहीं हुई। उपस्थिति रजिस्टर मांगा तो 35 मिनट बाद नया रजिस्टर दिखाया गया। विधायक ने एक जनवरी-2020 वाले पेज की मोबाइल फोन में फोटो ली और गुस्से में कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से बात करूंगा। 

नेत्र विभाग में भी डॉ. शालिनी मेहता और डॉ. केतन भारद्वाज अवकाश पर रहे।सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादियान मौके पर नहीं पहुंच सके। निरीक्षण के समय डिप्टी एमएस डॉ. अमित पोडिय़ा और डॉ. श्यामलाल आदि मौजूद रहे।बता दें कि विधायक ने तीन दिसंबर 2019 को भी अस्पताल का निरीक्षण किया था। 

400 मरीज निराश लौटे  

अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार, त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. राघवेंद्र, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव मान करीब एक सप्ताह की छुट्टी पर हैं।नतीजा, करीब 400 मरीजों की ओपीडी स्लिप नहीं बनायी गई, इनमें करीब 100 गर्भवती महिलाएं शामिल रहीं। इनका भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका। 

सूचना के अभाव से भी खफा 

कौन-कौन से डॉक्टर छुट्टी पर हैं, दिव्यांग प्रमाण पत्र बनेंगे अथवा नहीं, ऐसी सूचना डिस्पले न देख भी विधायक खफा दिखे। उन्होंने एमएस से कहा कि डॉक्टर छुट्टी पर हैं, पहले से पता होने पर समाचार पत्रों के माध्यम से जनता तक सूचना पहुंचनी चाहिए थी, ताकि मरीज-दिव्यांगों को परेशान न होना पड़े। 

अब जन सेवा दल करेगा सहयोग 

अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की दो मशीनें, रेडियोलॉजिस्ट एक है।वे भी अक्सर दूसरे कार्यों में व्यस्त रहते हैं। जनसेवा दल अल्ट्रासाउंड के मरीजों को सलारजंग गेट स्थित खुराना अस्पताल, आदित्य अस्पताल और मॉडल टाउन स्थित दिवान डायग्नोस्टिक सेंटर भेजे गए। वहां फ्री अल्ट्रासाउंड होगा, खर्च समाजसेवी वहन करेंगे। 

सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से पहले भी बात हुई थी, अब दोबारा करूंगा। कुछ अस्पताल प्रशासन स्तर पर भी चूक है, इसकी रिपोर्ट भी उन्हें सौंपी जाएगी। बहुत जल्द सुधार की उम्मीद है। 

प्रमोद विज, शहर विधायक 

दिव्यांग बोर्ड सिविल सर्जन के अधीन काम करता है। उन्हीं का स्टाफ दिव्यांगों के आवेदन फॉर्म जमा करता है।मेरा काम कितने डॉक्टर बोर्ड के लिए उपस्थित हैं, इसकी सूचना देना होता है। वह दी गई है। 

डॉ. आलोक जैन, चिकित्सा अधीक्षक

कक्ष देर से खुला मेरे संज्ञान में नहीं है। कक्ष संख्या 10 में दिव्यांगों के आवेदन जमा कराने के लिए किसकी ड्यूटी लगी थी, पता करूंगा। लापरवाही बरतने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। 

डॉ. जितेंद्र कादियान, सिविल सर्जन 

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