आरोप लगाना आसान है, साबित करना कठिन : महीपाल

आरोप लगना तो आसान है लेकिन उसे साबित करना कठिन। सरकार के तीन वर्ष पूरे होने वाले हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Jul 2017 03:02 AM (IST) Updated:Mon, 10 Jul 2017 03:02 AM (IST)
आरोप लगाना आसान है, साबित करना कठिन : महीपाल
आरोप लगाना आसान है, साबित करना कठिन : महीपाल

आरोप लगना तो आसान है लेकिन उसे साबित करना कठिन। सरकार के तीन वर्ष पूरे होने वाले हैं। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में हुडा के जितने सेक्टर आते हैं, उनमें जल निकासी की समस्या गंभीर है। सेक्टरों में व्यवस्थित तरीके से विकास करने के लिए कार्य कर रहे हैं। इसके परिणाम सामने आएंगे। बरसत रोड फोर लेन की अड़चनों को दूर कर इस पर जल्द कार्य शुरू करवाएंगे। दैनिक जागरण को दिए साप्ताहिक साक्षात्कार में ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा ने संवाददाता अरविन्द झा से ये बातें कहीं।

प्रश्न : अवैध कालोनियों में ठप विकास कार्य को लेकर सरकार से कोई बातचीत हुई है?

उत्तर : मुख्यमंत्री से कई दौर की बातचीत हुई। आरडब्ल्यूए शुल्क की राशि 1000 रुपये से कम कर 100 से 200 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से करने का निवेदन किया गया। इसे रजिस्ट्री के साथ जोड़ने के लिए बात हुई है। उम्मीद है कि इन कालोनियों में रह रहे लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी। वार्ड नंबर 2 व 5 तथा 22, 23 व 24 में 4.63 करोड़ की लागत से जल की निकासी का इंतजाम किया जा रहा है।

प्रश्न : आपके गोद लिए गांव रजापुर में विकास कार्य क्यों रुका हैं?

उत्तर : गांव में स्कूल अपग्रेड करवा दिया गया। पशु अस्पताल भी बन कर तैयार हो गया। नालियों के निर्माण कार्य में लेवलिंग की समस्या आड़े आ गई। उसे दूर करने के लिए पूरे गांव का लेवल ठीक करवाया। सरपंच का मामला उछलने से तकनीकी अड़चने आ गई। वो समस्या जैसे ही हल होगा, लंबित कार्य पूरे करा देंगे।

प्रश्न : अंतरराज्यीय बस अड्डा और बस डिपो, दोनों अब ग्रामीण क्षेत्र में प्रस्तावित कर दिया गया है। शहरी विधायक को कैसे मना लिया?

उत्तर : शहरी क्षेत्र की विधायक चाह रही थीं कि पानीपत को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बस अड्डा बाहर जाए। सेक्टर 13-17 में ले जाने में थोड़ी तकनीकी अड़चनें थी। इस वजह से सिवाह में बस अड्डा रखा गया है। डिपो व सिटी बस सर्विस दोनों सेक्टर 13-17 में रहेगा। परिवहन मंत्री व प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में ये संयुक्त रूप से फैसला लिया गया।

प्रश्न : सेक्टर 11-12 को छोड़ कर अन्य सेक्टरों में लोगों को आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। संघ से जुड़े युवा नेता होने से लोग आरोप लगा रहे हैं कि राजनीति का उपयोग कारोबार में कर रहे हैं?

उत्तर : ऐसा नहीं है। कांग्रेस सरकार में ये सेक्टर काटे गए। सेक्टरों में बहुमंजिले भवन बनाने की अनुमति दे गई लेकिन जल निकासी के लिए कोई ठोस सीवरेज प्लान तैयार नहीं किया गया। सेक्टर 25 व 13-17 में गली निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। सेक्टर 18 व 24 में राशि जारी करने में विलंब हो गया। इस वजह से कार्य में देरी हुई है। अजीजुलापुर में 173 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है। गंदे जल की निकासी की समस्या दूर होगी।

प्रश्न : सब्जी मंडी शिफ्टिंग का मामला क्यों अधर में है, आप पर आरोप भी लगा था?

उत्तर : न हमारे पर, न हमारी पार्टी और न ही हमारे सीएम पर किसी तरह का आरोप है। पूर्व सीएम ने इसे शिफ्ट करने की योजना बनाई। मंडी के आढ़ती नहीं जाना चाहते थे। तकनीकी कमी से मामला अधर में लट गया। जो आढ़ती दुकान ले चुके हैं, हमारी सरकार में वहां जाकर काम शुरू करना चाहें तो कर सकते हैं।

प्रश्न : सेक्टर 29 में इन्हांसमेंट को लेकर सीएम से क्या बातचीत हुई है?

उत्तर : उद्यमियों की इस गंभीर समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात करवा दी है। आधे घंटे बातचीत हुई है। उम्मीद है कि इस मसले का समाधान हो जाएगा।

प्रश्न : बरसत रोड फोर लेन बनने का मामला क्यों अटका पड़ा है?

उत्तर : जमीन को लेकर कई जगह पोजिशन क्लियर नहीं हो रहा था। वो बाधा अब दूर हो गई है। टेंडर लग गया है। जल्द ही नारियल फोड़ कर इसकी शुरुआत करेंगे।

प्रश्न : खोतपुरा में ससुराल होने से लोगों का आरोप है कि वहां विकास कार्य पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

उत्तर : ऐसा कुछ नहीं है। अन्य गांवों के मुकाबले वहां 10 फीसद भी राशि नहीं दी है। कांग्रेस सरकार में पीएचसी बनाने को मंजूरी मिली थी। हमने उसे सीएचसी करवाया है जिससे राणामाजरा से गढ़ीबेसिक तक के लोगों को फायदा पहुंचे।

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