शुरू हुआ माघ माह, पूरे माह में गंगा स्नान का रहेगा विशेष महत्त्व

माघ माह शुरू हो गया है। पूरे माह में गंगा स्‍नान का विशेष महत्‍व रहेगा। माघ माह का पौराणिक महत्‍व भी है। साथ ही दान स्नान उपवास और तप का विशेष महत्त्व है। जानिए क्‍या कहते हैं हनुमान वाटिका के मुख्य पुजारी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 01:16 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 01:16 PM (IST)
शुरू हुआ माघ माह, पूरे माह में गंगा स्नान का रहेगा विशेष महत्त्व
माघ मेले का गंगा स्‍नान का महत्‍व।

कैथल, जागरण संवाददाता। 18 जनवरी से माघ माह की शुरूआत हो चुकी है। यह माह 16 फरवरी तक रहेगा। इस माह में गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। हनुमान वाटिका के मुख्य पुजारी पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि हिंदू धर्म में हर माह का अपना अलग महत्त्व है। पौष पूर्णिमा के बाद हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए माह की शुरुआत हो चुकी है। माघ माह को हिंदू धर्म में पवित्र महीना माना जाता है। इस माह में दान, स्नान, उपवास और तप का विशेष महत्त्व बताया गया है। इसलिए इस माह में लोग हरिद्वार और प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों पर गंगा स्नान के लिए जाते हैं।

माघ माह का यह है पौराणिक महत्त्व

विशाल शर्मा ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में इंद्र देव को गौतम ऋषि ने श्राप दिया था। अपनी गलती का अहसास होने पर इंद्र देव ने गौतम ऋषि से क्षमा याचना की। फिर गौतम ऋषि ने माघ मास में गंगा स्नान कर इंद्र देव को ग़लती का प्रायश्चित करने को कहा। तब उन्होंने इस माह में गंगा स्नान किया था। गंगा में स्नान करने के बाद ही इंद्र देव को श्राप से मुक्ति मिली। इसके बाद से ही माघ माह में पूर्णिमा और अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्त्व माना जाने लगा।

माघ माह में यह है दान-पुण्य का महत्व

विशाल शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार माघ माह में तिल, गुड़ और कंबल सहित अन्य वस्तुएं दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस माह में दान करने से मनुष्य के शरीर से रोगों का नाश होता है। ऊनी वस्त्र ,रजाई, जूता और शीत निवारक वस्तुएं दान करने से लोगों के दुख दूर होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

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