करनाल की कर्ण की धरती से दुनिया को प्रेम, समरसता और सद्भाव का संदेश

कोरोना संकट में मंदिर कमेटी ने रोजाना करीब ढाई हजार लोगों के लिए दो समय खाने का इंतजाम किया था। मंदिर की ओर से रोजाना 2500 लोगों के दो वक्त जरूरतमंदों को खाना वितरित किया। श्री आत्म मनोहर जैन चेरिटेबल हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट ने भी इस नेक काम किए।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 09:03 AM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 09:03 AM (IST)
करनाल की कर्ण की धरती से दुनिया को प्रेम, समरसता और सद्भाव का संदेश
पीयूष मुनि महाराज सभी धर्म आपसी प्रेम, समरसता और सद्भाव का संदेश देते हैं।

करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल कर्ण नगरी स्थित श्री आत्म मनोहर जैन आराधना मंदिर और यहां विराजमान संत पीयूष मुनि पूरी दुनिया के समक्ष समरसता की मिसाल प्रस्तुत कर रहे हैं। यहां ऊंच-नीच या भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। सामाजिक सद्भाव कायम रखने के लिए यहां नियमित गतिविधियां होती हैं तो समाज के विभिन्न वर्गों की सेवा के लिए भी आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किए जाते रहे हैं। इससे यह स्थान हर किसी की आस्था का केंद्र होने के साथ सेवा भाव के प्रति समर्पित स्थली के रूप में भी अलग पहचान बना रहा है।

धर्मों के सम्मान का संदेश दिया जाता है

श्री आत्म मनोहर आराधना जैन मंदिर में उप प्रवर्तक पीयूष मुनि महाराज के संयोजन में कर्ण की नगरी से दुनिया को एक सूत्र में पिरोते हुए सभी धर्मों के सम्मान का संदेश दिया जाता है। इसके लिए यहां वर्ष भर विविध प्रकार की गतिविधियां आयोजित होती हैं। इसी क्रम में बीते वर्ष मंदिर में सामाजिक सद्भाव दिवस समारोह का गरिमापूर्ण आयोजन किया गया था। इसमें स्वामी चिदानंद सरस्वती, बिशप डा. जानसन, मुफ्ती अब्दुस्सामी, नामधारी सतगुरु उदय सिंह, अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार प्रो. मनजीत सिंह, श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम उज्जैन के पीठाधीश्वर बालयोगी उमेश नाथ, महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव, तिब्बत की निर्वासित सरकार के डिप्टी स्पीकर येशी फोंटसोक, साध्वी ऋतंभरा और संत स्वामी संपूर्णानंद सहित कई धर्माचार्यों, राजनीतिक व सामाजिक हस्तियों ने विचार साझा किए थे।

परंपराओं का सम्मान करने का संदेश दिया जाता है।

स्पष्ट है कि श्री आत्म मनोहर आराधना जैन मंदिर में उप प्रवर्तक पीयूष मुनि महाराज कर्ण की नगरी से दुनिया को एक सूत्र में पिरोते हुए सभी धर्मों के सम्मान का संदेश देने में सदा अग्रणी रहा है। पीयूष मुनि कहते हैं जिस तरह विभिन्न नदिया अलग-अलग बहतीं हैं और अंत में सभी समुद्र में जाकर एक हो जाती हैं, इसी तरह परमात्मा भी एक ही है। सभी धर्म आपसी प्रेम, समरसता और सद्भाव का संदेश देते हैं। हमें इनके मूल तत्वों को समझते हुए अपने-अपने धर्म का पालन करते हुए दूसरे संप्रदायों की अच्छी परंपराओं का सम्मान करना चाहिए।

चलाई जरूरतमंदों की मदद की मुहिम

कोरोना संकट में मंदिर कमेटी ने रोजाना करीब ढाई हजार लोगों के लिए दो समय खाने का इंतजाम किया था। मंदिर की ओर से रोजाना 2500 लोगों के दो वक्त खाने के पैकेट जरूरतमंदों में वितरित किए गए। श्री आत्म मनोहर जैन चेरिटेबल हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट ने भी इस नेक काम में अपनी भूमिका बखूबी निभाई। मंदिर प्रबंधन ने 15 हलवाई इसी काम पर लगाए और 30-40 सेवादारों ने भोजन पैकिंग एवं वितरण की सेवा की। छह-सात वाहनों में जरूरतमंदों के घर-घर जाकर भोजन के पैकेट पहुंचाए गए। जिला प्रशासन की ओर से मंदिर कमेटी को हलवाना और करनाल के बाहरी इलाकों सहित इंद्री की स्लम बस्ती का जिम्मा सौंपा था। इसके अलावा करनाल के बाहरी इलाकों की झुग्गी बस्तियों में भी लगभग 500 भोजन पैकेट नियमित रूप से वितरित किए गए। इतना ही नहीं, कोरोना काल की पिछली लहरों के दौरान मंदिर में समाज के विभिन्न वगों के सहयोग से विशेष आक्सीजन बैंक भी बनाया गया था, जिसने जरूरतमंदों को पर्याप्त आक्सीजन कंसनट्रेटर व आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए।

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