छह भाषाओं में बेटी बचाने का संदेश दे रही 'कन्या', बेहतर पोषण और पढ़ाई की भी वकालत

हरियाणा के परिदृश्य पर केंद्रित शॉर्ट फिल्म को भरपूर सराहना मिल रही है। फिल्म में कन्या बचाने के साथ बेहतर पोषण और पढ़ाई की भी वकालत। 14 नवंबर को रिलीज के बाद करीब एक लाख दर्शक देख चुके फिल्म।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 20 Nov 2020 04:38 PM (IST) Updated:Fri, 20 Nov 2020 04:38 PM (IST)
छह भाषाओं में बेटी बचाने का संदेश दे रही 'कन्या', बेहतर पोषण और पढ़ाई की भी वकालत
हरियाणा के परिदृश्य पर केंद्रित शॉर्ट फिल्म को भरपूर सराहना मिल रही।

पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। बेटियों को बचाने के साथ उन्हें बेहतर परवरिश देने और पढ़ाने का संदेश दे रही नई शॉर्ट फिल्म 'कन्या' कई मायनों में खास है। हरियाणा की ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े सत्य कथानक से प्रेरित इस फिल्म को हरियाणवी के अलावा गुजराती, बंगाली, मराठी, पंजाबी, अंग्रेजी और हिंदी में भी डब किया गया है। निर्माण गुजरात के सुरेश भानुशाली ने किया है, जो इसी प्रकार के गंभीर व संवेदनशील मुद्दों पर फिल्में बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अब तक करीब एक लाख दर्शक कन्या देख चुके हैं। कुछ फेस्टिवल में भी फिल्म की स्क्रीनिंग की तैयारी है।

समीक्षकों के बीच सराहना बटोर रही इस फिल्म के निर्माता सुरेश भानुशाली ने फोन पर चर्चा में बताया कि सोशल मीडिया पर ज्यादातर कंटेंट व्यवसायिक उद्देश्य की तो पूर्ति करता है लेकिन वे मुद्दे हाशिए पर रह जाते हैं, जिन पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। कोख में आते ही बेटियों पर जुल्मोसितम की बढ़ती घटनाएं यही तस्दीक करती हैं। बेटियां पैदा हो जाएं तो भी उन्हें बोझ समझा जाता है। हरियाणा में भी ऐसे मामले आम हैं, इसीलिए उन्होंने यहीं फिल्म बनाने का निर्णय लिया।

फिल्म दीपावली पर 14 नवंबर को रिलीज हुई और तब से लगभग एक लाख दर्शक इसे देख चुके हैं। सात भाषाओं में इसे पेश करके संदेश दिया है कि सब बेटियां बचाने के साथ उनके पोषण व पढ़ाई पर भी बखूबी ध्यान दें। शूटिंग रोहतक के गढ़ी बोहर गांव में हुई और दो प्रमुख कलाकारों को छोड़कर शेष नवोदित हैं। दीपक कपूर ने गुलाब व जेडी बल्लू ने कैलाश की भूमिका निभाई है। अन्य कलाकारों में रेणु सहारण, हीरो, हर्षिता, प्रियंका सांगवान, पूनम जांगड़ा, शिवम, सहेंद्र सहरावत, तमन्ना हुड्डा, तनिष्का, राजकुमार धनखड़, डा. अंजना राव, लाेकेश माथुर, सुनीता, सरला देवी व निकिता हुड्डा शामिल हैं।  

देश-विदेश तक सराहना

निर्माता भानुशाली ने बताया कि फिल्म के लेखक-निर्देशक मनीष मदान पंजाब से हैं। उन्होंने रोहतक के एक सत्य घटनाक्रम को फिल्म में बखूबी उकेरा है, जिसे प्रतीकात्मक ढंग से स्क्रीन पर उकेरा गया है। ओटीटी प्लेटफार्म के लिए तैयार फिल्म को देश-विदेश में खासा सराहा जा रहा है। जयपुर, गोवा आदि फेस्टिवल में भी इसे प्रदर्शित किया जाएगा।

कौन हैं भानुशाली

सॉफ्टवेयर कंपनी चलाने वाले फिल्म निर्माता सुरेश भानुशाली ने इसी वर्ष फरवरी में मुंबई में फोटोफिट शीर्षक से म्यूजिक व फिल्म प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। मार्च में उन्होंने फोटोफिट टेक्नोलोजीज प्राइवेट लिमिटेड की नींव रखी। उभरते कलाकारों को साथ लेकर वे लगातार फिल्म और संगीत तैयार कर रहे हैं ताकि उन्हें आगे बढ़ने के लिए बेहतर मंच मिल सके। भविष्य में भी उनकी नशामुक्ति, डिप्रेशन और आमजन से जुड़े गंभीर व संवेदनशील मुद्दों पर फिल्म बनाने की योजना है।

मैं कन्या हूं...

फिल्म का शीर्षक गीत केडी ने लिखा और गाया है, जिसके ये बोल बेहद पसंद किए जा रहे हैं-'मैं माटी की मूरत मैं भोली सी सूरत, दुनिया ने मेरी कोन्या जरूरत, कच्ची स्याही तै लिखा इतिहास का पन्ना हूं, मैं कन्या हूं...।' बेहद संवेदनशीलता के साथ बेटियों की दशा और दिशा से जोड़ता इस गीत पर लोग लगातार प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं।

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