परिवार के आर्थिक हालात ने तोड़ा देश सेवा का सपना तो करने लगा समाजसेवा, करता भर पेट भोजन Panipat News

रेलवे जंक्शन पर मुकेश रोजाना 150 लोगों का पेट भर अपना रोटी रथ बैंक के जरिए भोजन करा रहे हैं। पहले देश सेवा का जज्बा था मौका नहीं मिला तो समाजसेवा में जुट गए।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 05:34 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 05:34 PM (IST)
परिवार के आर्थिक हालात ने तोड़ा देश सेवा का सपना तो करने लगा समाजसेवा, करता भर पेट भोजन Panipat News
परिवार के आर्थिक हालात ने तोड़ा देश सेवा का सपना तो करने लगा समाजसेवा, करता भर पेट भोजन Panipat News

पानीपत/जींद, [बिजेंद्र मलिक]। अहिरका गांव के मुकेश राठौड़ का बचपन से ही आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा करने का सपना था। परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण ये सपना तो अधूरा रह गया। लेकिन देश सेवा करने के सपने को पूरा करने के लिए दूसरा रास्ता चुन लिया। अपना रोटी रथ बैंक बनाया। जिससे रेलवे जंक्शन पर ठहरने वाले यात्रियों व बेसहारा लोगों समेत प्रतिदिन 150 से ज्यादा लोग निश्शुल्क खाना खाते हैं। 

10 महीने पहले अपना रोटी रथ सेवा समिति बना कर मुकेश ने अपने कुछ साथियों के साथ ये पहल शुरू की थी। धीरे-धीरे और भी लोग इस मुहिम से जुड़ते चले गए। पहले ये अभियान जींद में शुरू हुआ, उसके बाद नरवाना में अपना रोटी रथ बैंक शुरू किया गया। संस्था जल्द ही कैथल व गुरुग्राम में भी अपना रोटी रथ बैंक शुरू करने जा रही है। मुकेश राठौड़ के साथ उपाध्यक्ष सुरेंद्र चौहान, शिवचरण शर्मा, विजय शर्मा, राकेश पांचाल, सौरभ बैरागी, मुकेश पांचाल, रत्न बैरागी, सब इंस्पेक्टर कर्मङ्क्षसह, सब इंस्पेक्टर बलवंत सैनी, साधुराम कौशिक, बलवान, विरेंद्र डागर, प्रदीप गोयत इस मुहिम में जुड़े हुए हैं।

राशन लाने के लिए लगाई गाड़ी

जींद में नरवाना रोड पर संस्था ने कार्यालय बनाया हुआ है। शहर व आसपास के गांवों में घरों से राशन लाने के लिए गाड़ी जाती है। मुकेश अपने साथियों के साथ सुबह छह बजे सब्जी मंडी में जाकर फड़ से सब्जी लेकर आते हैं। मासाखोर व आढ़ती अपने सामथ्र्य के अनुसार सब्जियां दे देते हैं। उसके बाद कार्यालय में खाना तैयार करके रेलवे जंक्शन पर ले जाया जाता है। जहां शाम को चार से आठ बजे तक खाना खिलाया जाता है। 

नहीं करनी पड़ती होटल की तलाश

रेलवे जंक्शन पर आने वाले बहुत से यात्रियों के साथ बच्चे भी होते हैं। बहुत से ऐसे भी लोग होते हैं, जो बाहर होटल पर महंगा खाना नहीं खा सकते। उन्हें रेलवे जंक्शन पर ही निश्शुल्क अच्छा खाना मिल जाता है। वहीं साधु, अपाहिज और बहुत से बेसहारा लोगों को भी अपना रोटी रथ बैंक शुरू होने से सहारा मिल गया। मुकेश राठौड़ ने बताया कि गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए भी उनकी संस्था काम कर रही है।

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