पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में बारिश से बढ़ रहा बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर भी बढ़ा
मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है। मैदानी और पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर भी बढ़ना शुरू हो गया है। हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ा गया है। वहीं यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में हुई जोरदार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ गया। हथनीकुंड बैराज पर सुबह सात बजे 58110 क्यूसेक पानी बहाव था जोकि करीब 11 बजे बढ़कर 60645 क्यूसेक हो गया। हालांकि सुबह करीब आठ बजे गिरावट आई थी, लेकिन बाद में जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया। उधर, बारिश अभी जारी है। ऐसे में जल स्तर के और बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। बैराज पर जलस्तर बढ़ने के बाद पश्चिमी यमुना व पूर्वी यमुना नहर में पानी की सप्लाई कम करके यमुना नहर में छोड़ दिया गया। यमुना में 42835 क्यूसेक पानी का बहाव रहा। यह अब तक का अधिकतम बहाव है।
आसपास के ग्रामीणों की धड़कनें तेज
उप्र व हरियाणा के बीचोबीच बह रही यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाने के बाद आसपास के गांवों की धड़कनें तेज हो गई हैं। हालांकि यमुना में अभी बाढ़ के जैसे कोई हालात नहीं हैं। 42835 क्यूसेब पानी का बहाव सामान्य माना जा रहा है। लेकिन यदि जलस्तर बढ़ा तो नुकसान हो सकता है। क्योंकि यमुना के किनारे कच्चे हैं। ऐसे स्थानों की संख्या कम नहीं है जहां कटाव से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम भी नहीं किए गए है।
खिजराबाद क्षेत्र में सर्वाधिक बारिश
जिला में अब तक कुल 214 एमएम व औसत 30 एमएम बारिश हुई है। खिजराबाद में सर्वाधिक 72 एमएम बारिश हुई। जगाधरी में एक, छछरौली में 26, बिलासपुर में 55, साढौरा में 51, सरस्वतीनगर में 05, रादौर में 04 एमएम बारिश दर्ज की गई। रुक रुककर बारिश जारी है। बारिश होने के बाद तापमान में गिरावट आई है। अधिकतम 30 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक आगामी दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहेेगा।