फास्टैग बना कार मालिकों के लिए सिरदर्द, एनएचएआइ कार्यालय के बाहर तक लगी कतार

टोल प्लाजा स्थित एनएचएआइ कार्यालय में फास्टैग खरीदना वाहन मालिकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। महंगी कार लेकर टोल प्लाजा पहुंचे वाहन मालिक भी रोजाना दो से तीन घंटे तक कतारों में खड़े नजर आते है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Nov 2019 09:48 AM (IST) Updated:Thu, 28 Nov 2019 09:48 AM (IST)
फास्टैग बना कार मालिकों के लिए सिरदर्द, एनएचएआइ कार्यालय के बाहर तक लगी कतार
फास्टैग बना कार मालिकों के लिए सिरदर्द, एनएचएआइ कार्यालय के बाहर तक लगी कतार

जागरण संवाददाता, पानीपत : टोल प्लाजा स्थित एनएचएआइ कार्यालय में फास्टैग खरीदना वाहन मालिकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। महंगी कार लेकर टोल प्लाजा पहुंचे वाहन मालिक भी रोजाना दो से तीन घंटे तक कतारों में खड़े नजर आते है। मुफ्त टैग देने की सरकारी घोषणा का हवाला देकर कई वाहन मालिक कर्मचारियों से बहस भी करते हैं। लेकिन टोलकर्मियों के मुफ्त में टैग देने से मना करने पर मजबूरन 500 रुपये देकर फास्ट टैग खरीदना पड़ता है।

बुधवार को पानीपत टोल प्लाजा पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। सुबह 10 बजे से टोल प्लाजा कार्यालय पर वाहन मालिकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। आइसीआइसीआइ बैंक और आइडीएफसी के महज दो कर्मचारियों ने फास्टैग बेचने शुरू किए। दोपहर तक वाहन मालिकों की कतार टोल प्लाजा कार्यालय के बाहर तक पहुंच चुकी थी। दोपहर दो बजे कर्मचारी लंच शुरू होने की बात कहकर सीटों से उठकर चले गए, लेकिन इस दौरान भी वाहन मालिक कतार में लगे रहे। सर्वर की स्पीड कम होने से भी वाहन मालिकों को काफी परेशानी हुई। कर्मचारी बढ़ाए तो घट सकती है परेशानी

वाहन मालिकों ने बताया कि आइसीआइसीआइ बैंक और आइडीएफसी के दो कर्मचारी टोल प्लाजा पर एनएचएआइ कार्यालय में फास्टैग बेचते है। दोनों कर्मचारी खुद ही फार्म भरते है और फिर उसे ऑनलाइन अपडेट करते है। जिस कारण उन्हें एक फास्टैग जारी करने में लगभग आधे घंटे का समय लगने का दावा किया। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की मांग उठाई। इधर 15 मिनट में मुफ्त फास्टैग पाकर खुश हुए लोग

टोल काउंटरों के पास हुंडई शोरूम के सामने एयरटेल कंपनी का बूथ भी लगा हुआ था। जिस पर कर्मचारी महज 150 रुपये में कार मालिकों को फास्टैग और 150 रुपये की वैल्यू देते दिखे। 15 से 20 मिनट के भीतर टैग एक्टिवेट हुआ तो वाहन मालिक संतुष्ट दिखे। जबकि पास ही एसबीएल कंपनी के कर्मचारी एसबीआइ के फास्ट टैग देकर 500 रुपये वसूलते दिखाई दिए।

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