मां की ममता : 11 साल की बेटी Coronavirus पॉजिटिव, मां ने COVID-19 अस्‍पताल के बाहर डाला डेरा

कोविड अस्‍पताल में कोरोना पॉजिटिव 11 साल की बेटी को नहीं मां छोड़ पाई। कोविड अस्‍पताल के बाहर जाकर वह बैठ गई। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम ने समझाया लेकिन वह नहीं मानी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 12 May 2020 11:10 AM (IST) Updated:Tue, 12 May 2020 11:10 AM (IST)
मां की ममता : 11 साल की बेटी Coronavirus पॉजिटिव, मां ने COVID-19 अस्‍पताल के बाहर डाला डेरा
मां की ममता : 11 साल की बेटी Coronavirus पॉजिटिव, मां ने COVID-19 अस्‍पताल के बाहर डाला डेरा

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। मां के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं...। यह किसी गाने की पंक्तियां नहीं बल्कि मां के स्वभाव को चरितार्थ करने वाली अटल सच्चाई भी है। सोमवार को जब गांव धनानी की 11 वर्षीय बच्ची की कोरोना सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अकेली बच्ची को घर से दूर कोविड-19 अस्पताल में भेजने के लिए तैयार नहीं हुई। बहुत समझाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जब बच्ची को अस्पताल में दाखिल करा दिया तो उसकी मां ने अस्पताल के बाहर ही डेरा डाल लिया। 

मां बार-बार यही गुहार लगा रही है कि उसे अपनी बच्ची के पास जाने दो। जिसने आज तक उसे अपने से दूर कभी नहीं रखा वह बच्ची अकेली कैसे रह पाएगी? जबकि नई गाइडलाइन के मुताबिक बिना लक्षण या मामूली लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम क्वारंटाइन किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि इस नियम को भारत सरकार ने लागू किया है राज्य सरकार ने अभी इसे लागू नहीं किया है। 

स्वास्थ्य विभाग ने भी बच्ची को देखते हुए नियमों में कुछ ढील दिखाई और कोविड-19 अस्पताल में घर का खाना पहुंचाने की बात कही, लेकिन एक मां का दिल इतने भर से नहीं मान रहा। नियम एक मां की भावनाओं को नहीं बांध पाएं और वह खबर लिखे जाने तक वहीं बैठी रही। 

बच्ची के साथ हर समय रहेगी एक स्टाफ नर्स : डॉ. सुखबीर  

जिला सिविल सर्जन डॉ. सुखबीर ने बताया कि उन्होंने सभी बात को समझते हुए परिवार को इस बात का आश्वासन दिया है कि बच्ची को घर का बना हुआ खाना ही दिया जाएगा। साथ ही एक स्टाफ नर्स को बच्ची के साथ हर समय रहने के निर्देश भी दिए गए हैं। कोरोना पॉजिटिव आने के बाद बिना लक्षण या मामूली लक्षण वाले मरीज को होम क्वारंटाइन करने का नियम केंद्र सरकार का है। राज्य सरकार में यह निर्देश अभी लागू नहीं हुए हैं। ऐसे में मरीज को घर पर नहीं रखा जा सकता।  

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