झमाझम बारिश में फंस गए 15 हजार बच्चे

बारिश एक बार फिर आफत बनकर बरसी। आफत की वजह मौसम नहीं, बल्कि पानी निकासी के जिम्मेदार विभाग रहे। मात्र 45 एमएम बारिश में शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Aug 2018 08:24 AM (IST) Updated:Wed, 29 Aug 2018 08:24 AM (IST)
झमाझम बारिश में फंस गए 15 हजार बच्चे
झमाझम बारिश में फंस गए 15 हजार बच्चे

जागरण संवाददाता, पानीपत : बारिश एक बार फिर आफत बनकर बरसी। आफत की वजह मौसम नहीं, बल्कि पानी निकासी के जिम्मेदार विभाग रहे। मात्र 45 एमएम बारिश में शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं। जीटी रोड पर घुटनों तक पानी भर गया। पॉश एरिया मॉडल टाउन से पानी निकासी फेल हो गई। दोपहर को 12 बजे शुरू बारिश करीब ढाई बजे तक चली। स्कूलों की छुट्टी के वक्त तेज बारिश आने से जीटी रोड समेत शहर की सड़कों पर करीब 200 बसों में 15 हजार बच्चे फंस गए। जीटी रोड पर स्कूलों की कई बसों समेत दर्जनों वाहन पानी में फंस गए। इससे जीटी रोड पर संजय चौक से तहसील कैंप तक जाम लग गया। ढाई घंटे चली बारिश का पानी करीब पांच बजे तक उतर पाया। इसके बाद सात बजे जीटी रोड का ट्रैफिक सामान्य हुआ।

मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे एक साथ तेज बारिश आ गई। तेज बारिश के चलते कुछ ही देर में ड्रेन नंबर वन फुल हो गई। शहर के सीवर ने बैक मार दिया और नाले ओवरफ्लो हो गए। बारिश का पानी शहर में जीटी रोड पर संजय चौक से लालबत्ती चौक के बीच में दोनों तरफ घुटनों तक पानी जमा हो गया। एसडी कॉलेज रोड पर पानी जमा होने से व्यापारियों को बाजार तक बंद करना पड़ा। मॉडल टाउन का सीवर सिस्टम फेल होने से सड़कों पर एक-एक फुट पानी भर गया। बिजली गुल हो गई, मॉडल टाउन में पेड़ गिर गए

दोपहर के समय एक साथ तेज बारिश आने से पूरे जिले की बिजली एक साथ गुल हो गई। निगम ने कई फीडरों ब्रेक डाउन होने का कारण केबल पंक्चर होना बताया, जबकि कई फीडर सुरक्षा की दृष्टि से बंद करने की कही। करीब चार फीडर मंगलवार देर शाम तक चालू नहीं हो पाए थे। ा मॉडल टाउन में रेनबो अस्पताल और लाल टंकी मार्केट के पास दो पेड़ गिर गए। वार्ड-19 के निवर्तमान पार्षद लोकेश नांगरू ने पेड़ों को उठवाया। किसानों ने ली राहत की सांस, पत्ता लपेट होगी खत्म

भाद्रपद मास में मंगलवार को पहली तेज बारिश हुई। पानीपत में यह 45 एमएम तो समालखा में सबसे ज्यादा 48 एमएम और मतलौडा में 35 एमएम बारिश हुई। तेज बारिश से खासकर धान उत्पादक किसानों ने राहत की सांस ली। वहीं गन्ना उत्पादक किसानों को भी बारिश से फायदा हुआ। गढ़ी भल्लौर निवासी किसान इंद्र ¨सह और ¨ढडार गांव में खेती करने वाले प्रेम ¨सह ने बताया कि बारिश से धान की फसल में पानी पूरा हो गया है। अब दो दिन तक ट्यूबवेल का पानी नहीं देना पड़ेगा। कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुनील मान ने बताया कि इस मौसम की बारिश फसलों में फायदा देने वाली होती हैं। धान की फसल में आई पत्ता लपेट जैसी खतरनाक बीमारी खत्म हो जाएगी।

कहां कितनी बारिश हुई

क्षेत्र बारिश (एमएम)

पानीपत 45

समालखा 48

मतलौडा 35

इसराना 29

बापौली 08

कुल 165

निगम समेत तीन विभाग शहर को डुबोने में जिम्मेदार

शहर में नगर निगम के नाले, जन स्वास्थ्य विभाग सीवर और एलएंडटी की जीटी रोड के दोनों तरफ ड्रेन हैं। तीनों विभागों ने बारिश से पहले पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध करने का दावा किया था। इस पर लाखों रुपये का बजट भी खर्च किया, लेकिन भाद्रपद माह की दूसरी बारिश में भी नालों और सीवरों की पोल खुल गई। अब तीनों के अधिकारी एक दूसरे की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

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