यमुनानगर में अवैध कालोनियों को वैध करने की अधिसूचना जारी, फिर भी डीटीपी का चल रहा बुलडोडर

यमुनानगर में अवैध कालोनी काटने पर डीटीपी ने बिलासपुर में छछरौली रोड पर करीब सात एकड़ जमीन पर कटी अवैध कालोनी पर पीला पंजा चलाया। वहीं सरकार ने अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए बिल्ट अप क्षेत्र के आधार पर चार श्रेणी बनाई गई है।

By Popin kumarEdited By: Publish:Sun, 25 Sep 2022 02:18 PM (IST) Updated:Sun, 25 Sep 2022 02:18 PM (IST)
यमुनानगर में अवैध कालोनियों को वैध करने की अधिसूचना जारी, फिर भी डीटीपी का चल रहा बुलडोडर
यमुनानगर मेंजुलाई 2022 से पहले विकसित अवैध कॉलोनियों पर लागू होगी नई योजना।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर नगर निगम, निकाय सीमा से बाहर व जिला नगर योजनाकार के नियंत्रित क्षेत्र में अवैध कालोनियों को नियमित करने की अधिसूचना जारी हो गई। दूसरी ओर जिला नगर योजनाकार की टीम कार्रवाई का डंडा चल रही है। इससे लोग घने परेशान हैं। अधिकारियों पर दोहरी नीति के आरोप लगा रहे हैं। वहीं जिला नगर योजनाकार सतीश पुनिया के मुताबिक यह योजना निकाय की सीमा से बाहर, निजी भूमि पर विकसित उन अवैध कालोनियों पर लागू होगी जो एक जुलाई 2022 से पहले बनी कालोनी ही इसमें शामिल की जाएगी। इसके के लिए बने नियमों को पूरा करना होगा। बता दे कि जिले में 80 से ज्यादा स्थानों पर अवैध कालोनी काटी जा रही है। अधिकतर रसूकदार है।

गत सप्ताह बिलासपुर में हुई कार्रवाई

अवैध कालोनी काटने पर डीटीपी ने बिलासपुर में छछरौली रोड पर करीब सात एकड़ जमीन पर कटी अवैध कालोनी पर पीला पंजा चलाया। यहां पर लोगों ने काफी विरोध भी किया। पुलिस ने किसी तरह से व्यवस्था को संभाला। तब लोग शांत हुए। प्रभावित लोगों का कहना है कि जब कालोनी में निर्माण कार्य हो जाता है। उसके बाद ही अधिकारी कार्रवाई के लिए क्यों आते हैं। यदि प्लाट काटते हुए विभाग सख्ती करे तो आम व्यक्ति नुकसान से बच सकता है। प्रभावित मुकेश, नरेश व नरेंद्र का कहना है कि कार्रवाई में उनकी कई सालों की कमाई चली गई। इस व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। वहीं नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर रामपाल का कहना है कि अधिकारियों को पहले लोगों को वैध व अवैध कालोनियों के बारे में जागरूक करना चाहिए। ऐसा करने पर कार्रवाई की शायद जरूरत न पड़े।

ये रहेंगे कमेटी में

जारी अधिसूचना के तहत लाभ उठाने के लिए कालोनी काटने वाला व्यक्ति, पंजीकृत आरडब्ल्यूए व कोआपरेटिव सोसायटी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्राप्त होने पर छंटनी के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें डीटीपी, जिला परिषद के सीईओ, डीडीपीओ, पब्लिक हेल्थ, पीडब्ल्यूडी व पंचायती राज के एक्सईएन, जिला दमकल अधिकारी व संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को सदस्य होंगे। आवेदन करने के लिए मलकियत संबंधित सभी राजस्व दस्तावेज स्वामित्व के प्रमाण के साथ प्लाट धारक की सूची होनी चाहिए। कालोनी का ले-आउट, सर्वे प्लान ले-आउट प्लान सैटेलाइट इमेज पर भी तैयार करवानी होगी।

ये नियम करने होंगे पूरे

अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए बिल्ट अप क्षेत्र के आधार पर चार श्रेणी बनाई गई है। वर्ग ए में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25 प्रतिशत तय किया गया। यहां पर न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई नौ मीटर, न्यूनतम पार्क/खुला क्षेत्र पांच प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र चार प्रतिशत होनी चाहिए। इसी प्रकार बी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25-50 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई छह मीटर, न्यूनतम पार्क एवं खुला क्षेत्र तीन प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र चार प्रतिशत की शर्त को पूरा करना होगा। सी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 50-75 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई छह मीटर व अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र चार प्रतिशत होनी अनिवार्य है। डी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 75-100 प्रतिशत तक वाले क्षेत्र में रोड की चौड़ाई छह मीटर व वाणिज्यिक क्षेत्र चार प्रतिशत होना चाहिए।

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