चिकित्सकों को लगा स्वाइन फ्लू से बचाव का टीका

कोरोना के साथ डॉक्टरों पैरामेडिकल स्टाफ को स्वाइन फ्लू (एच-1 एन-1 वायरस) का डर भी सताने लगा है। चिकित्सकों पैरामेडिकल स्टाफ और स्थायी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के टीकाकरण की शुरुआत की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 07:57 AM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 07:57 AM (IST)
चिकित्सकों को लगा स्वाइन फ्लू से बचाव का टीका
चिकित्सकों को लगा स्वाइन फ्लू से बचाव का टीका

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के साथ अब डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ को स्वाइन फ्लू (एच-1 एन-1 वायरस) का डर भी सताने लगा है। सरकार ने सभी सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्थायी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के टीकाकरण की शुरुआत की है।

टीकाकरण का शुभारंभ करते हुए सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि आगामी महीनों में मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू के पैर पसारने का खतरा बना रहेगा। मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ वायरस की जल्द चपेट में आ जाता है। इसी के चलते सरकार ने टीकाकरण का निर्णय लिया है। टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. मनीष पासी ने बताया कि पहली खेप में 107 वेक्सीन मिली हैं। सिविल सर्जन सहित डिप्टी सिविल सर्जन डा. नवीन सुनेजा, चिकित्सा अधीक्षक डा. आलोक जैन, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. शालिनी मेहता सहित करीब 50 को टीका लग चुका है। इनमें नर्सिंग स्टाफ भी शामिल हैं। बाकी को बुधवार को लगाया जाएगा।

वेक्सीन कम पड़ेगी, उतनी की डिमांड भेजी जाएगी। टीकाकरण केवल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लिए है। एक साल में एक बार ही टीका लगेगा। साधारण मरीज भी लापरवाही न बरतें, तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। इनके लिए सिविल अस्पताल में फ्लू कॉर्नर भी बनाया गया है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

-नाक का लगातार बहना, छींक आना।

-बलगम वाली खांसी।

-मांसपेशियों में दर्द व अकड़न।

-सिर में तेज दर्द, नींद न आना, ज्यादा थकान।

-दवा सेवन के बाद भी बुखार कम न होना।

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