किशोरी से घिनौना कृत्य, कोर्ट ने की टिप्पणी, दोषी को कठोर सजा से ही पीडि़ता को मिलेगा न्याय
यमुनानगर में किशोरी से दुष्कर्म किया गया था। मामला शहर जगाधरी पुलिस थाना क्षेत्र का था। कोर्ट ने इस मामले में दोषी को 20 साल कैद 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषी को कठोर सजा से ही पीडि़ता को न्याय मिलेगा।
जगाधरी (यमुनानगर), संवाद सहयोगी। दोषी को कठोर सजा देकर ही पीडि़ता को न्याय मिलेगा। साथ ही लड़कियों के प्रति समाज में बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाने में सजा कारगर साबित होगी। दोषी ने किशोरी के साथ घिनौना कृत्य कर उसके दिमाग में ताउम्र का जख्म दिया है। उक्त टिप्पणी फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायधीश ने करनाल के गांव गुमटो निवासी प्रदीप उर्फ भूरा को सजा सुनाते हुए दी। कोर्ट ने दोषी को 20 साल कैद व 15 हजार जुर्माने की सजा दी है। दोषी ने किशोरी को अगवा कर उसके साथ गलत काम किया था। पीडि़ता को पानीपत के मतलौड़ा से बरामद किया गया था।
बयान से मुकरी पीडि़ता, डीएनए रिपोर्ट बनी सजा का आधार
कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान पीडि़ता अपने बयान से मुकर गई थी। 164 के बयान में भी पीडि़ता ने कहा था कि उसे मां ने डांट दिया था, इसलिए वह घर छोडक़र चल गई थी, लेकिन कुछ दिन बाद वह वापिस आ गई थी। आरोपित ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया। जब पुलिस ने मामले में मधुबन लैब स्थित डीएनए टेस्ट करवाया, तो रिपोर्ट का मिलान हो गया। उसी के आधार पर कोर्ट ने दोषी को सजा दी है।
यह था मामला
शहर जगाधरी पुलिस ने थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एक कालोनी निवासी की शिकायत पर प्रदीप के खिलाफ बेटी के अपहरण, दुष्कर्म व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। शिकायकर्ता के मुताबिक 10 मई 2019 को प्रदीप उसकी 14 वर्षीया बेटी को शादी का झांसा देकर अगवा कर ले गया। पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया। 14 मई को पीडि़ता को बरामद किया गया। इसके बाद सरकारी अस्पताल में उसका मेडिकल कराया गया। डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर केस में दुष्कर्म की धारा जोड़ दी गई। पुलिस ने 15 मई को आरोपित को काबू कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।