प्रदर्शनकारियों के ट्रेन रोकने की घोषणा से बसों में रही भीड़
कृषि सुधार कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की ट्रेन रोकने की घोषणा से बसों में सवारियों की भीड़ रही। बसों की संख्या कम होने से सवारियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। आसपास के यात्रियों को प्राइवेट सवारी वाहनों से सफर करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, समालखा : कृषि सुधार कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की ट्रेन रोकने की घोषणा से बसों में सवारियों की भीड़ रही। बसों की संख्या कम होने से सवारियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। आसपास के यात्रियों को प्राइवेट सवारी वाहनों से सफर करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक जाम करने की घोषणा कर रखी थी। रेलवे स्टेशन पर सुबह से पुलिस का पहरा था। यात्री जानकारी लेकर वापस लौट रहे थे। सुबह 10 से शाम 4 बजे तक ट्रेन जहां-तहां रुकी रही। यात्रियों के लिए बस व निजी वाहन की सहारा था। समालखा से पानीपत, सोनीपत, दिल्ली, करनाल आदि जाने वालों यात्रियों के पास विकल्प नहीं होने से यात्री रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के बीच चक्कर काट रहे थे।
बसों में लोगों की खड़े होकर सफर करना मजबूरी रही। निजी सवारी वाहनों को इसका फायदा मिला। कुछ ने तो अपना रेट भी बढ़ा रखा था। सबसे अधिक परेशानी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों और कालेज के विद्यार्थियों को हुई। बस व ट्रेन का पास होने के बावजूद वे पैसे देकर सफर करते नजर आए। ड्यूटी पर जा रहे रामचंद्र व सोनू सिंह समालखा ने बताया कि ड्यूटी पर जाना जरूरी है। ट्रेन बंद है तो बस में सीट मिलना भी मुश्किल है।