महिला और पुरूष समाज के मूल-आधार : सत्या शरण

संवाद सहयोगी सनौली राजकीय कॉलेज बहरामपुर में सोमवार को महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में लिग समानता और फैशन विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। शीर्षक हम पंछी एक डाल के रखा गया। मुख्यवक्ता सत्या शरण रही। मंच-संचालन प्रो. सविता नैन ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Feb 2020 08:32 AM (IST) Updated:Tue, 11 Feb 2020 08:32 AM (IST)
महिला और पुरूष समाज के मूल-आधार : सत्या शरण
महिला और पुरूष समाज के मूल-आधार : सत्या शरण

संवाद सहयोगी, सनौली :

राजकीय कॉलेज बहरामपुर में सोमवार को महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में लिग समानता और फैशन विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। शीर्षक 'हम पंछी एक डाल के' रखा गया। मुख्यवक्ता सत्या शरण रही। मंच-संचालन प्रो. सविता नैन ने किया।

मुख्य वक्ता सत्या शरण ने संबोधित करते कहा कि लैगिक समानता समाज के विकास के लिए बहुत जरूरी है। महिला और पुरुष समाज के मूल-आधार है। समानता एक सुंदर और सुरक्षित समाज की वो नींव है, जिस पर विकासरूपी ईमारत बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में लिग आधारित भेद-भाव बहुत व्यापक स्तर पर काम कर रहा है जन्म से लेकर मृत्यु तक ंशिक्षा से लेकर रोजगार तक हर जगह लैंगिक भेदभाव साफ नजर आता है। इस भेद-भाव को कायम रखने में सामाजिक व राजनैतिक पहलू बड़ी भूमिका निभाते हैं। महिलाओं को लैंगिक समानता को एक मिशन के तौर पर लेना चाहिए। फैशन के विषय पर बोलते हुए बताया कि फैशन का व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में विशेष महत्व है। फैशन हमारी योग्यता एवं आत्मबल का दर्पण है। छात्र-छात्राओं ने भी लैंगिक समानता व असमानता से जुडे प्रश्न पूछे। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. पीयूष कुमार, महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी मंजू सहरावत, सहायक प्रोफेसर जोगिन्द्र, प्रवेश रंगा, रितू, रामपाल, डॉ. दिनेश कुमार, रीतू मान, संगीता सहरावत, अमनजीत, जितेन्द्र गुलिया, मंगल सैन सिगला, नवीन कुमार मौजूद रहे।

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