साथिया को प्रशिक्षित करने के लिए एएनएम को मिली ट्रेनिग
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत काबड़ी और ददलाना पीएचसी क्षेत्र में पीयर एजुकेटर्स (साथिया)चुने जाने हैं। क्षेत्र की एएनएम इन्हें प्रशिक्षित करेंगी। इसी कड़ी में एएनएम को सिविल अस्पताल में प्रशिक्षण दिया गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत काबड़ी और ददलाना पीएचसी क्षेत्र में पीयर एजुकेटर्स (साथिया)चुने जाने हैं। क्षेत्र की एएनएम इन्हें प्रशिक्षित करेंगी। इसी कड़ी में एएनएम को सिविल अस्पताल में प्रशिक्षण दिया गया।
डा. मनीषा ने बताया कि 11 साल की आयु के बाद मेल-फीमेल में कई तरह के शारीरिक बदलाव शुरू हो जाते हैं। बदलाव के कारण कई बार बच्चों के मन में गलत भ्रांतियां भी जन्म ले लेती हैं। झिझक-शर्म के कारण बच्चे अपनी शारीरिक-मानसिक समस्या परिवार के सदस्यों संग साझा नहीं करते। इससे बच्चे के शरीर और मन पर प्रतिकूल असर पड़ने लगता है। साथिया को ऐसे बच्चों की काउंसलिग कर, उन्हें सही दिशा दिखानी है। दोनों एरिया में 250 पीयर एजुकेटर्स (125 किशोर, 125 किशोरियों) को चुनना है। इनकी आयु 10 से 19 साल के बीच होनी चाहिए। इनमें अध्यनरत और पढ़ाई छोड़ चुके किशोर-किशोरी शामिल रहेंगे।
डा. मीनाक्षी ने बताया कि लड़कों को दाढ़ी-मूंछ आना, आवाज में भारीपन, रात्रि पहर में सोते समय स्खलन आदि को लेकर, लड़कियां मासिक धर्म सहित शारीरिक बदलावों को लेकर परेशान हो जाती हैं। साथिया को बताना है कि यह आयु के बदलते हार्मोंस का प्रभाव व सामान्य बदलाव हैं। इस मौके पर काउंसलर अंजु गौतम भी मौजूद रहीं।