कबूतरबाजों ने जमकर ठगा, अमेरिका भेजने और फिर जेल से छुड़वाने को लिए 58 लाख

विदेश भेजने के नाम पर और विदेश की जेल से छुड़वाने के नाम पर एजेंटों ने गांव बरटा के पवन से 56 लाख रुपये ठगे। पीडि़त 13 महीने तक कैलीफोर्निया की जेल में बंद रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 22 Jul 2020 02:45 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jul 2020 02:45 PM (IST)
कबूतरबाजों ने जमकर ठगा, अमेरिका भेजने और फिर जेल से छुड़वाने को लिए 58 लाख
कबूतरबाजों ने जमकर ठगा, अमेरिका भेजने और फिर जेल से छुड़वाने को लिए 58 लाख

पानीपत/कैथल, जेएनएन। एजेंटों ने एक युवक को विदेश भेजने का सपना दिखाकर जमकर ठगा। यही नहीं उसे विदेश की जेल में भी रहना पड़ा। वहां से भी छुड़वाने के लिए उससे रकम ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। 

एजेंटों ने कैथल के युवक को दीवार फांद अमेरिका में भेजा। इसके बाद पीडि़त कैलीफोर्निया की जेल में 13 महीने तक फंसा रहा। एजेंटों ने उसे पहले अमेरिका में नौकरी का झांसा देकर ठगा। फिर जेल से छुड़ाने के नाम पर लाखों ऐंठते रहे। एक के बाद एक आधा दर्जन दलालों ने पवन के परिवार को 56 लाख रुपये की धोखाधड़ी का शिकार बना डाला। यह राशि उसने आढ़ती और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर दी थी।

उसकी शिकायत पर थाना सदर कैथल में गांव शेरगढ़ के यादविंद्र उर्फ आजाद, मुंशीवाला पंजाब निवासी रमन, निहारसी निवासी गुरजंट, पीडल निवासी बलजीत, कैलीफोर्निया निवासी जसबीर, दुब्बल निवासी महेंद्र व नीलम, डोहर निवासी महावीर व खजानी और महावीर के हरिगढ़ किंगन निवासी बहन और बहनोई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

दो बार में पहुंचा अमेरिका

पवन ने बताया कि सितंबर 2018 में चीका के युवक प्रदीप से अमेरिका जाने के लिए बात हुई थी। 28 लाख रुपये में सौदा हुआ। पांच लाख रुपये एडवांस दिए। प्रदीप ने उसे कंबोडिया भेज दिया और वहां वह डेढ़ महीने तक अटका रहा। प्रदीप का दावा था कि अगर उसकी वजह से कोई दिक्कत हुई तो वह पांच के दस लाख वापस कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं। इस दौरान परिवार के लोग पैसों के लिए चक्कर काटते रहे। उनकी मुलाकात पीडल के बलजीत से हुई। उसने दावा कि वह पवन को कंबोडिया से निकालकर अमेरिका भेज देगा। इससे 24.80 लाख रुपये बात तय हुई। उसकी मार्फत पवन को मैक्सिको के रास्ते दीवार फांदकर अमेरिका भेज दिया गया। दिसंबर 2018 में उसे पकड़ लिया और कैलीफोर्निया की जेल में डाल दिया।

फिर जेल से निकालने के नाम पर ठगा

पवन के मुताबिक अमेरिका की जेल से निकालने के लिए उसके पिता और अन्य स्वजन चक्कर काट रहे थे। इस दौरान उनकी मुलाकात दुब्बल के महेंद्र की पत्नी नीलम और डोहर के महावीर की मां खजानी देवी से हुई। महेंद्र और महावीर दोनों अमेरिका में रहते हैं। कहा गया कि वह वहां वकील और अन्य कागजी औपचारिकताएं पूरी करके पवन को जेल से निकलवा देंगे। इसके लिए साढ़े 23 लाख रुपये में बात तय हुई। पवन ने बताया कि साढ़े चार लाख रुपये महावीर की मां को गांव में जाकर दिए। बाकि के 15 लाख रुपये महावीर के कहने पर असंध बस स्टैंड पर किसी को दिए। इन्होंने भी कुछ नहीं किया तो पंचायतें शुरु हुई। रिश्तेदारियों को बीच में लिया तो उन्होंने साढ़े 13 लाख रुपये वापस कर दिए।

यहीं नहीं रूकी ठगी

पवन के पिता मुंशी राम ने इस दौरान गांव शेरगढ़ में जमीन ठेके पर ली और खेती करने लगे। यहां उनकी मुलाकात यादविंद्र उर्फ आजाद के साथ हुई, जिसने बताया कि पंजाब के मुंशीवाला कस्बे में उसका मौसा रहता है। उनका एक जानकार अंबाला के गांव निहारसी का गुरजंट है। यह उनके बेटे को जेल निकलवा देंगे। इसके लिए 23 लाख 20 हजार रुपये बात हुई। इसमें से साढ़े आठ लाख रुपये यादविंद्र को दिए। बाकि राशि दो बार में अमेरिका में दो अलग-अलग खातों में डलवाई गई। एक बार नौ लाख 80 हजार रुपये और दूसरी बार चार लाख 90 हजार रुपये। यादविंद्र ने यहां तक भरोसा दिलाया था कि अगर काम नहीं हुआ तो वह अपनी एक एकड़ जमीन बेच देगा। पवन के मुताबिक 17 जनवरी 2020 को जेल प्रशासन ने 150 भारतीयों को डिपोर्ट किया, जिसमें वह भी शामिल था। वापस आकर उसने यादविंद्र और अन्य लोगों से पैसे मांगे तो उन्होंने मना कर दिया। इसके चलते उसने आइजी कार्यालय करनाल में शिकायत दी थी।

chat bot
आपका साथी