करनाल पहुंचे अभिनेता धर्मेंद्र, बोले- एक्टर न बनता तो आर्मी में जरूर होता Panipat News

सदाबहार अभिनेता धर्मेंद्र ने करनाल हाइवे पर हीमैन रेस्टोरेंट में पहुंचे। उन्होंने शहीदों को नमन किया। धर्मेंद्र ने ऑर्गेनिक फूड को अपनाने पर जोर दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 14 Feb 2020 04:20 PM (IST) Updated:Sat, 15 Feb 2020 06:35 PM (IST)
करनाल पहुंचे अभिनेता धर्मेंद्र, बोले- एक्टर न बनता तो आर्मी में जरूर होता Panipat News
करनाल पहुंचे अभिनेता धर्मेंद्र, बोले- एक्टर न बनता तो आर्मी में जरूर होता Panipat News

करनाल, [पवन शर्मा]। सदाबहार अभिनेता धर्मेंद्र तब बेहद भावुक हो उठे, जब उन्होंने अपनी ऑफ बीट फिल्म सत्यकाम को याद किया। 1969 में बनी इस फिल्म को पूरी दुनिया के लिए एक सबक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐसी आदर्श कहानी है, जो एक बार देख लेने के बाद सदा के लिए हम सबकी जिंदगी का हिस्सा बन जाती है। इसीलिए वे चाहते थे कि हर कोई यह फिल्म जरूर देखे। उन्होंने देश के महान शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश सेवा के जज्बे से बढ़कर कुछ भी नहीं है। वे खुद एक्टर न बनते तो जरूर आर्मी में होते। अपने प्रशंसकों की बेपनाह मोहब्बत का दिल से शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा कि वे जो भी कुछ हैं, अपनों के प्यार की बदौलत ही हैं।

शुक्रवार को यहां करनाल हाइवे स्थित अपनी नई रेस्त्रां श्रृंखला ही मैन की विधिवत शुरुआत के बाद धमेंद्र संवाददाताओं के रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि शोहरत और दौलत आती-जाती रहती है लेकिन प्यार हमेशा दिलों में बसा रहता है। हर इंसान ख्वाब देखता है, पर सबके सपने सच नहीं होते। कभी उन्होंने एक गरीब जाट परिवार के नौजवान के रूप में एक सपना देखा। यही सपना आंखों में संजोकर मुंबई चला आया और जो बन सका, आपके सामने हूं।

अभिनेता धर्मेंद्र ने कहा, किसान परिवार से हूं तो चाहता था कि मु्ंबई में भी खेतों की खुशबू महसूस करूं। इसी सोच के साथ वहां लोनावला में मुबई-पूना के बीच एक्सप्रेस हाइवे पर फार्म खोला। यहां जमकर मेहनत की। गाय-भैंस रखीं। गोबर उठाता हूं। अक्सर घास पर सोता हूं। खेती करता हूं। महाराष्ट्र की धरती पर गोभी व अन्य फसलें उगा रहा हूं। लेक बना ली है। अब लगा कि इससे आगे बढ़कर एक ऐसा रेस्त्रां खोलूं, जिसके जरिए सब तक सेहत के लिए बेहद फायदेमंद ऑर्गेनिक फूड पहुंचा सकूं। इसीलिए यह शुरुआत की। उन्होंने ऑर्गेनिक खेती और फूड की अहमियत बताते हुए सबसे इसे अपनाने की पुरजोर गुजारिश की।

 

रक्षा क्षेत्र के लोगों को सौगात

धर्मेंद्र ने कहा कि देश के शहीदों को याद करके उनका दिल भर आता है। वे एक्टर न बनते तो यकीनन आज खुद फौजी बनकर देश की सच्ची सेवा कर रहे होते। इसीलिए अपने रेस्त्रां में वह रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को दस फीसद डिस्काउंट देंगे। शहीद परिवारों के होनहार बच्चों को स्कॉलरशिप देने का वादा भी उन्होंने किया।

 

ये मंजिल तो पड़ाव है...

सदाबहार अभिनेता ने इस दौरान शेरोशायरी और स्वरचित नज्मों से सबका दिल जीत लिया। बोले-मोहब्बत आपकी न देती रोशनी अगर मेरे नाम को, कैसे बनता मैं धर्म आपका, पहुंचता कैसे इस मुकाम पर..। उनकी यह नज्म भी सुनने वालों के दिल को छू गई कि, चल पड़े हैं तो पहुंचेंगे भी और पहुंचकर सजाएंगे मंजिल कुछ इस तरह कि चलते हुए रुक जाएं, देखें और कह उठें वाह और गूंज वाह वाह की गूंज उठे, यहां वहां कहां कहां, और गूंज से वाह वाह की व्यवस्था में मेरी, नम्रता और आ जाए, मैं रुक जाऊं, पलट के झुक जाऊं, करुं शुक्राना अदा हर किसी का, कि रुकेंगे जो दाद देने के लिए, चलेंगे दुआ देते हुए, चलते रहो ही मैन, ये मंजि़ल तो पड़ाव है, लव यू ऑल...।

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