हरियाणा में हड़ताल पर आढ़ती, यमुनानगर सहित कई शहरों में अनाज मंडियों में खरीद बंद

हरियाणा में आढ़तियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। इससे अनाजमंडियों में खरीद बंद है। धान का भुगतान सहित अन्‍य मांगों को लेकर आढ़तियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए हड़ताल शुरू की है। 20 सितंबर को शिक्षा मंत्री कंवर पाल को ज्ञापन सौंपेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 19 Sep 2022 11:50 AM (IST) Updated:Mon, 19 Sep 2022 11:50 AM (IST)
हरियाणा में हड़ताल पर आढ़ती, यमुनानगर सहित कई शहरों में अनाज मंडियों में खरीद बंद
अनाज मंडियों में खरीद सहित कई मांगों को लेकर आढ़तियों की हड़ताल।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर अनाज मंडियों में खरीदे गए धान का भुगतान किसान इच्छा अनुसार किए जाने सहित अन्य कई मांगों को लेकर अनाज मंडी आढ़ती हड़ताल पर चले गए। जिले की किसी भी अनाज मंडी में खरीद फरोख्त नहीं हो पाई। हालांकि अभी सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है, लेकिन रादौर व जगाधरी अनाज मंडी में अगेती किस्म की धान की आवक शुरू हो चुकी है।

सोमवार को भी इसकी खरीद भी नहीं हो पाई। किसान मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। 20 सितंबर को जिले भर के आढ़ती शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल को ज्ञापन सौंपेंगे। बावजूद इसके यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 21 को सीएम आवास पर धरना दिया जाएगा।

ये हैं आढ़तियों की मांगें

आढ़तियों की मांग है कि किसानों की कपास, सरसों, मूंग, सूरजमुखी,गेहूं, धान आदि सभी फसलों को सरकार द्वारा एमएसपी पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए। आढ़तियों को आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए। जो की पिछले दो सीजन से हमें कम दी जा रही है। जबकि इस बारे कई बार सरकार से आग्रह किया जा चुका है। बीते वर्ष से ही एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है। इससे आढ़तियों के साथ-साथ किसानों में बहुत रोष है। आढ़तियों की मांग है कि सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की इच्छा अनुसार आढ़ती या किसान के स्वयं के खाते में अदा किया जाना चाहिए।

सभी मंडियों में मान्य हो लाइसेंस

सीमांत किसानों को ई खरीद पोर्टल पर रजिस्टर्ड करने के बाद भी सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी है जबकि यह सभी सीमांत किसान बहुत वर्षों से हरियाणा की मंडियों से ही जुड़े हुए हैं। उनमें से बहुत से किसान हरियाणा के ही रहने वाले हैं। उनका धान नहीं खरीदने के कारण किसानों और आढ़तियों को बहुत नुकसान हुआ है। आढ़त की फर्म का एक लाइसेंस पूरे हरियाणा की सभी मडियों में मान्य होना चाहिए।क्योंकि आजकल सभी लाइसेंस आनलाइन पोर्टल पर हैं। मार्केट कमेटी के लाइसेंस की अवधि जीएसटी की तरह असीमित होनी चाहिए या जब तक फर्म अपना कार्य बंद ना कर दे।

आढ़तियों की मांगों काे पूरा करे सरकार

अनाज मंडी एसोसिएशन के जिला प्रधान शिव कुमार संधाला व जगाधरी अनाज मंडी प्रधान मनीश कुमार का कहना है कि सरकार आढ़तियों व किसानों के बीच खाई पैदा करना चाहती है। आढ़तियों की तमाम मांगें किसानों के हक में है। यदि इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आढ़तियों के लिए कारोबार करना मुश्किल हाे जाएगा। साथ ही किसानों की परेशानी भी बढ़ जाएगी। अब आढ़ती पीछे हटने वाले नहीं है। जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, जब तक हड़ताल जारी रहेगी। धान की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है, इसलिए सरकार आढ़तियों की मांगों को पूरा करे।

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