पसीनाकला रोड पर 4 फैक्ट्रियां की सील, उद्योगपति बोलें सड़क करेंगे जाम

जागरण संवाददाता, पानीपत : दूषित पानी जमीन के अंदर बहाने के आरोप में प्रदूषण नियंत्रण बोड

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Feb 2017 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Feb 2017 03:00 AM (IST)
पसीनाकला रोड पर 4 फैक्ट्रियां की सील, उद्योगपति बोलें सड़क करेंगे जाम
पसीनाकला रोड पर 4 फैक्ट्रियां की सील, उद्योगपति बोलें सड़क करेंगे जाम

जागरण संवाददाता, पानीपत :

दूषित पानी जमीन के अंदर बहाने के आरोप में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बुधवार को पसीनाकलां रोड पर चार औद्योगिक इकाइयां को सील कर दी। सीलिंग के दौरान कुछ देर तक उद्योगपतियों ने हंगामा भी किया। विरोध के बावजूद बोर्ड की यह कार्रवाई पूरी हो गई। उद्योगपतियों ने इस कार्रवाई के खिलाफ सड़क जाम कर डीसी को बुलाने की बात कही।

पसीनाकलां रोड पर पिछले 15 सालों से लगभग 20 औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। सभी इकाइयों में धागा उत्पादन होता है। यहां से विदेश तक में धागे को निर्यात करते हैं। जैसे-जैसे इकाइयां बढ़ने लगी, नजदीकी गांव पसीनाकलां के लोगों ने पेयजल के दूषित होने की आवाज उठानी शुरू कर दी। गांव के लोगों की शिकायत पर ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह कार्रवाई की है।

इन इकाइयों की मशीनें सील

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र चहल और एसडीओ नितिन मेहता ने पसीनाकलां रोड स्थित चार इकाइयां सील करवाई। इनमें सबसे पहले बालाजी स्पिन टैक्स, डिलाइट इंटरनेशनल स्पिनिंग मिल, विकास स्पिनिंग मिल और जेके एक्सपोर्ट की धागा बनाने की मशीनें व जेनरेटर सील हुए।

समालखा पुलिस भी तैनात

औद्योगिक इकाइयों को सील करने के दौरान सदर एसएचओ अजय कुमार के साथ समालखा के पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे। जेके एक्सपोर्ट में कार्रवाई के दौरान हरियाणा व्यापार मंडल के चेयरमैन रोशनलाल गुप्ता ने अधिकारियों की कार्रवाई का विरोध किया। शुगर मिल के प्रबंध निदेशक व ड्यूटी मजिस्ट्रेट एमडी बीर सिंह ने कानूनी तौर पर चुनौती देने की बात कही।

30 नवंबर को भेजे थे नोटिस

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र चहल ने बताया कि उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे के निर्देशों पर यह कार्रवाई की गई है। इन इकाइयों से होने वाले जल प्रदूषण के खिलाफ पिछले वर्ष अक्टूबर में उन्हें शिकायत मिली थी। इसके बाद 30 नवंबर को इन इकाइयों को बंद करने के नोटिस जारी किए गए थे। उस समय उद्योगपतियों ने बोर्ड द्वारा दिए गए नोटिस का विरोध किया था।

उठे सवाल: बिना जांच रिपोर्ट के कैसे सील

बोर्ड के अधिकारी जब जेके एक्सपोर्ट को सील करने पहुंचे तो हरियाणा व्यापार मंडल के चेयरमैन रोशनलाल गुप्ता ने इस इकाई से कोई जल प्रदूषण न होने का दावा किया। उन्होंने पहले लिए गए नमूने की जांच रिपोर्ट भी मांगी। इस पर क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र चहल ने उस समय कोई नमूना न लेने की बात कही। गुप्ता ने सवाल उठाया कि जब नमूना नहीं लिया गया तो बिना जांच रिपोर्ट के इकाई कैसे सील की गई? इस दौरान पानी के नमूने भी लिए गए।

राजनीतिक दबाव में किया गया काम:

सीलिंग कार्रवाई के बाद उद्योगपतियों ने बैठक कर जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ रोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यहां चलने वाली इकाइयों में किसी प्रकार का रसायनयुक्त पानी नहीं निकलता। सिर्फ लेबर के दैनिक प्रयोग में निकलने वाला पानी ही छोड़ा जा रहा है। यह कार्रवाई गैर कानूनी है।

बैठक में जगदीश अग्रवाल, आरपी गुप्ता, मुलखराज गर्ग, मोहन लाल गर्ग, अतुल गुप्ता, हरिमोहन गुप्ता मौजूद रहे।

चाय तक पीने योग्य नहीं:

सरपंच कर्मवीर शर्मा का कहना है कि यहां चल रही फैक्ट्रियों का पानी बाहर नहीं जाता। पानी जमीन में छोड़ा जाता है। इससे पेयजल दूषित हो गया। चाय तक पीने योग्य नहीं बनते। कपड़े साफ नहीं होते। बीमार रहने लगे हैं।

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