तीस माह में पांच वर्ष तक के 2050 बच्चों की मौत, समीक्षा बैठक ही नहीं कर रहे

नोट-कृपया आरटीआइ का लोगो अवश्य लगाएं.... किस बीमारी से हुई मौतें नहीं बता सका स्वास्थ्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 06:14 AM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 06:14 AM (IST)
तीस माह में पांच वर्ष तक के 2050 बच्चों की मौत, समीक्षा बैठक ही नहीं कर रहे
तीस माह में पांच वर्ष तक के 2050 बच्चों की मौत, समीक्षा बैठक ही नहीं कर रहे

नोट-कृपया आरटीआइ का लोगो अवश्य लगाएं....

किस बीमारी से हुई मौतें, नहीं बता सका स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले में शून्य से पांच वर्ष आयु के 2050 बच्चों की तीस माह में मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग नहीं बता सका कि इतनी मौतें किस बीमारी के कारण हुई हैं। इतना ही नहीं, समीक्षा बैठकों से परहेज करते हुए इस अंतराल में मात्र दो बैठकें हुईं, जबकि हर 08-10 मौत के बाद विभागीय समीक्षा बैठक कालांतर में होती रही हैं।

सेक्टर-18 निवासी अमित कुमार ने चार बिदुओं पर स्वास्थ्य विभाग से आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी थी। पहला बिदू था कि एक जनवरी-2018 से 30 जून 2020 तक सिविल अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में शून्य से पांच साल के कितने बच्चों की मौत और किन बीमारियों के कारण हुई है। विभाग ने बताया कि इस अंतराल में 2050 बच्चों की मौत हुई है। मौत के कारणों की जानकारी विभाग के पास नहीं है। दूसरे बिदु में था कि कितने बच्चों का पोस्टमार्टम हुआ? यह जानकारी भी विभाग के पास नहीं है।विभाग ने इतना जरूर बताया कि 30 माह में दो बार समीक्षा बैठक हुई।

पहली बैठक एक अक्टूबर 2018 को और दूसरी बैठक 28 जनवरी 2020 को हुई थी। हैरत है कि समीक्षा बैठक तो हुई लेकिन उच्चाधिकारियों ने बच्चों की मृत्यु दर कम करने संबंधी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए। सीधा अर्थ बैठक के नाम पर खानापूर्ति की गई थी।

सिविल अस्पताल के आंकड़े, पांच साल में इस तरह मौत हुई

वर्ष प्रसव से पहले प्रसव के समय प्रसव के बाद

2015 145 08 23

2016 136 08 07

2017 161 07 05

2018 113 01 64

2019 108 01 06

---------------

हर माह विभागीय मीटिंग होती हैं, सभी बिदुओं पर चर्चा होती है। डाक्टर, एएनएएम, आशा वर्कर्स, नर्सिंग स्टाफ आदि शामिल रहते हैं। प्रसव से पहले, प्रसव के समय मौत की सूचना संबंधित स्टाफ को तुरंत देनी होती है। शून्य से पांच साल के बच्चों की मौत मामलों में समीक्षा बैठकें जरूर कम हुई हैं, इनमें सुधार कराया जाएगा।

डा. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन

chat bot
आपका साथी