हरियाणा विधानसभा में भारी हंगामा, अभय चौटाला व मंत्री बेदी के बीच मारपीट की नौबत

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भारी हंगामा हुआ। नेता अभय चौटाला व राज्‍य मंत्री कृष्‍ण बेदी आपस में भिड़ गए और मारपीट की नौबत आ गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 28 Dec 2018 11:38 AM (IST) Updated:Fri, 28 Dec 2018 07:51 PM (IST)
हरियाणा विधानसभा में भारी हंगामा, अभय चौटाला व मंत्री बेदी के बीच मारपीट की नौबत
हरियाणा विधानसभा में भारी हंगामा, अभय चौटाला व मंत्री बेदी के बीच मारपीट की नौबत

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ। सदन में नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला और राज्‍यमंत्री कृष्‍ण बेदी के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। हालत इस कदर खराब हो ई कि दोनों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। मार्शलाें ने सदन के अंदर घेरा डाल दिया। इससे पहले कांग्रेस और इनेलाे ने किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया। इसके बाद दोनों दलों के विधायकों ने सदन से वाकआउट किया। सदन में सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के बीच किसानों के मुद्दे पर तीखी बहस हुई। अभय चौटाला ने एक बार फिर सतलुज यमुना संपर्क नहर (एसवाइएल) का मामला उठाया।

अभय चौटाला को गुंडा कहने पर हुआ विवाद, मार्शलों ने सदन में घेरा डाला

हरियाणा विधानसभा में उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला और राज्‍यमंत्री कृष्‍ण बेदी आमने-सामने हो गए। दोेनों के बीच मारपीट की नौबत आ गए। विवाद अभय सिंह चौटाला को गुंडा कहने पर हुआ। इस दौरान इनेलो विधायक केहर सिंह रावत और कृष्ण बेदी के बीच भी टकराव हो गया। केहर सिंह रावत और कृष्ण बेदी ने एक दूसरे को हाथ दिखाया।

सदन में अभय सिंह चौटाला और वित्‍तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के बीच भी तीखी बहस हुई। विवाद बढने पर अभय चौटाला ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल से बात की। विवाद के बीच इनेलो के सभी विधायक स्पीकर के सामने आए गए। तनाव बढता देख मार्शल ने सदन के अंदर घेरा डाल दिया।

इससे पहले, शीतकालीन सत्र शुक्रवार सुबह 11 बजे शुरू हुआ। इस एक दिवसीय इस सत्र में प्रश्‍नकाल और शून्‍यकाल नहीं रखा गया है। इसमें कई विधेयक पारित किए जाएंगे। इसके साथ ही कांग्रेस विधायक करण दलाल का सदन से निलंबन समाप्‍त कर दिया गया है। करण दलाल को पिछले सत्र के दौरान नेता विपक्ष अभय चौटाला से विवाद के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।

किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर हंगामा, कांग्रेस व इनेलो विधायकों ने किया वाकआउट

विधानसभा का सत्र शुरू होने पर सबसे पहले पिछले दिनों दिवंगत हुई हस्‍तियों को श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान सदन से निलंबित किए गए कांग्रेस को बड़ी राहत मिली। दलाल का विधानसभा से निलंबन समाप्‍त कर दिया गया। पिछले सत्र के दौरान नेता विपक्ष अभय चौटाला से विवाद और कुछ विवादित टिप्‍पणी के कारण दलाल को विधानसभा की कार्यवाही से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

सदन की कार्यवाही आगे बढ़ने पर कांग्रेस विधायकों ने किसानों के कर्ज का मामला उठाया और इसे माफ करने की मांग। पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने कहा कि हरियाणा के किसान कर्ज के दलदल में फंसे हुए हैं, लेकिन भाजपा सरकार को उनकी कोई चिंता नहीं है। किसानों को इस दलदल से बाहर निकाला जाए और उनके कर्ज माफ किए जाएं। इस दौरान कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच कहासुनी भी हुई। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन से वाकआउट किया।

कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक पहुंचीं। उन्‍होंने कहा कि आज किसानों के हालात खराब है। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी वाकयुद्ध में कूदे। उन्‍होंने किरण चौधरी पर सदन का समय व्यर्थ करने का आरोप लगाया। धनखड़ ने कहा कि क़र्ज़ माफ़ी को लेकर कांग्रेस ने किसानों को ठगा। सरकार कांग्रेस की ठगी हरियाणा में नहीं चलने देगी।

कांग्रेस के अलावा इनेलाे विधायकों ने भी किसानों के कर्जों की माफी का मामला उठाया। इनेलो विधायक स्पीकर के आसन के सामने नारेबाजी करने लगे। इसके बाद इनेलो विधायकों ने अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में सदन से वाकआउट किया।

सदन में कांग्रेस के करण दलाल व कुलदीप शर्मा और इनेलो के विधायक केहर सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के आरोपों के लिए गठित विशेष अधिकार कमेटी का समय बढ़ा दिया गया। नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने कहा कि सदन में आने वाले बिलों का विधायकों को समय से पहले नहीं दिया जाएगा। अभय ने कहा 4 मई 2017 में आदेश दिए थे कि विधानसभा में पेश होने वाले विधेयकों की प्रति पांच दिन पहले विधायको को सौंप दी जाएगी। समय पर विधेयकों कि प्रति नहीं मिलने के कारण इन पर ठीक से चर्चा नहीं हो पाती है।

इस पर विधानसभा अध्‍यक्ष ने कहा, हम इसका पालन कर रहे हैं, लेकिन यह सत्र शॉर्ट नोटिस पर बुलाया गया है।  इसी कारण इस तरह की दिक्‍कत आई है। अभय चौटाला ने कहा सत्र कितने दिन चलेगा यg फैसला सरकार नही बिजनेस एडवाजरी कमेटी (बीएसी) तय करती है! अभय ने रामबिलास शर्मा पर सवाल उठाया और कहा कि आपने अपने स्पीकर की बात को नहीं माना।

इस पर रामबिलास ने कहा बीएसी की बैठक ने तय किया है सत्र की डबल सीटिंग होगी। निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ने मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल से पूछा कि सत्र की अवधि को लेकर किन लोगों से बात की गई थी। इस पर सीएम मनोहरलाल ने कहा कि इस बात को जरूरत से ज्यादा तूल दिया जा रहा है। जितनी जल्दी हो हम अगला सत्र बुलाने की सिफारिश करेंगे। इनेलो विधायकों ने सदन में एसवाइएल नहर मामले पर चर्चा करने की भी मांग की, लेकिन स्‍पीकर ने इसको ठुकरा दिया। स्पीकर ने कहा कि इस पर कई बार चर्चा हो चुकी है।

अभय  चौटाला ने सदन में किसानों और छोटे व्यापारियों के कर्ज का मामला उठाया। उन्‍होंने उनके कर्ज माफ करने का प्रस्‍ताव पेश किया। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा के किसानों और छोटे व्‍यापारी कर्ज के बोझ से दबे पड़े हैं। उनकी हालत बेहद खराब है। ऐसे में उनको रा‍हत दिए जाने की जरूरत है। प्रदेश में कोई किसान ऐसा नहीं जिसपर कर्जा नही हैं। किसानों की जमीनों पर कुर्की के नोटिस चस्पा दिए जाते हैं।

इसके बाद रामबिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा में आज किसान जितना खुश है, इससे पहले कभी नहीं था। हमने बाजरे का दाम बढ़ाया और किसानों के लिए मनोहरलाल सरकार ने कई कदम उठाए। फरवरी 2015 में हमने 1192 करोड़ का मुआवजा देने का काम किया। इसके साथ फसलों के समर्थन मूल्‍य भी बढ़ाए। मनोहर सरकार में पहली बार हरियाणा का किसान सुखी हुआ।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में न तो प्रश्नकाल हुआ और न ही शून्यकाल।  विधानसभा में प्रदेश सरकार 10 अलग-अलग विधेयक पेश करेगी। इनमें राज्य सुधार आयोग का गठन तथा पंचकूला और अंबाला को फिर से नगर निगम बनाने की तैयारी से जुड़ा विधेयक शामिल है। फरीदाबाद विकास प्राधिकरण के गठन को मंजूरी संबंधी बिल भी विधानसभा में पेश किया जाएगा। कुछ विधेयक ऐसे हैं जिनमें संशोधन किया गया है। सत्र में वर्ष 2018-19 के संशोधित बजट अनुमानों को मंजूरी दी जाएगी।

सत्र से एक दिन पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस व इनेलो नेताओं ने दिनभर बैठकें कर अपनी रणनीति को अंतिम रूप दिया था। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने मीडिया से बातचीत में साफ किया था कि एक दिन के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा कुछ अहम बिल पारित करने के साथ ही तात्कालिक विषयों पर ही चर्चा की जाएगी। प्रयास रहेगा कि डबल सीटिंग कर ली जाए।

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