चुनाव आयोग के स्पेशल पेन से डलेंगे राज्यसभा चुनाव में वोट, 2016 में हुआ था विवाद

चुनाव आयोग ने हरियाणा में 2016 के राज्‍यसभा चुनाव में वोटिंग में पेन बदले जाने के विवाद के बाइ इस पर खास प्रबंध किया है। इस बार आयोग के स्‍पेशल पेन से वोट डाले जाएंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 12 Mar 2020 05:47 PM (IST) Updated:Thu, 12 Mar 2020 05:47 PM (IST)
चुनाव आयोग के स्पेशल पेन से डलेंगे राज्यसभा चुनाव में वोट, 2016 में हुआ था विवाद
चुनाव आयोग के स्पेशल पेन से डलेंगे राज्यसभा चुनाव में वोट, 2016 में हुआ था विवाद

चंडीगढ़, जेएनएन। चुनाव आयोग ने 2016 में हरियाणा में राज्‍यसभा चुनाव में मतदान के दौारान पेन को लेकर हुए विवाद से सबक लिया है। आयोग इस बार हरियाणा में हो रहे राज्‍यसभा चुनाव में मतदान के लिए खुद विशेष पेन उपलब्‍ध कराएगा। विधायक सिर्फ इसी पेन से अपना वोट डाल सकेंगे।

हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में 2016 में पेन बदले जाने से लिया सबक

हरियाणा में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए यदि मतदान की जरूरत पड़ी तो इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने विशेष पेन का इस्‍तेमाल करने का फैसला किया है। आयोग मतदान होने की स्थिति में विशेष पेन भेजेगा। 2016 में हुए राज्‍यसभा चुनाव में पेन बदले जाने से पूरा गेम बदल गया था। इस बार पोलिंग बूथ के बाहर निर्वाचन अधिकारी वोट डालने वाले विधायकों के लिए पेन लेकर खड़ा रहेंगे। वोट डालने के बाद विधायक को बाहर आते ही निर्वाचन अधिकारी को यह पेन लौटाना होगा।

2016 के राज्यसभा चुनाव में पेन बदले जाने से हरियाणा का राज्यसभा चुनाव देश भर की सुर्खियों में आ गया था। पेन की स्याही बदले जाने के विवाद के चलते 14 विधायकों के वोट रिजेक्ट हो गए थे। इससे नसीहत लेते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनाव में इस बार पेन के इस्तेमाल को लेकर विशेष हिदायतें जारी की हैं। यह पेन विवाद का ही नतीजा है कि क्लीन चिट मिलने के बावजूद विधानसभा सचिव राजेंद्र कुमार नांदल को राज्यसभा चुनाव के लिए रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया।

पोलिंग बूथ के बाहर खड़ा अधिकारी मुहैया कराएगा विधायकों को पेन

हरियाणा के राज्यसभा चुनाव के लिए सीनियर आइएएस अधिकारी अजीत बालाजी जोशी को रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया गया है। हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर नियमित और एक सीट पर उपचुनाव होना है। 6 मार्च से नामांकन पत्र जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन बृहस्पतिवार शाम तक एक भी दावेदार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। शुक्रवार 13 मार्च को नामांकन का आखिरी दिन है।

नामांकन करने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को प्रस्तावक के तौर पर 10 विधायकों की जरूरत होती है। दो सीटों पर होने वाले आमचुनाव में अगर भाजपा-जजपा गठबंधन दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारती है तो फिर वोटिंग होगी। अगर भाजपा ने एक ही सीट पर उम्मीदवार किया और दूसरा उम्मीदवार उपचुनाव के लिए खाली सीट पर दे दिया तो यह चुनाव सर्वसम्मति से हो जाएगा। वोटिंग के दौरान विधायकों को कोई दूसरा पेन पोलिंग बूथ के अंदर लेकर जाने की इजाजत नहीं होगी।

2016 में हुड्डा समर्थक 14 विधायकों के वोट हो गए थे निरस्त

2016 में राज्यसभा की दो सीटों पर आम चुनाव हुआ था। विधानसभा की दलीय स्थिति के हिसाब से एक सीट पर भाजपा की जीत तय थी। भाजपा के पास 47 विधायक खुद के थे और चार निर्दलीय विधायकों के साथ बसपा के टेकचंद शर्मा का सरकार को समर्थन था। भाजपा के समर्थन से सुभाष चंद्रा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में कूदे। उस समय कांग्रेस के 17 और इनेलो-अकाली दल के पास 20 विधायक थे।

ऐसे में कांग्रेस-इनेलो के समर्थन से आरके आनंद, सुभाष चंद्रा के मुकाबले चुनाव में आए। वोटिंग के लिए रखे गए पेन को बदल देने के आरोप लगे। पेन की स्याही अलग होने की वजह से कांग्रेस के 14 विधायकों के वोट रद हो गए थे। तब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना वोट ही नहीं डाला था। ऐसे में सुभाष चंद्रा चुनाव जीत गए थे और बहुमत होते हुए भी आनंद को शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

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'चुनाव के लिए हम पूरी तरह से तैयार'

'' हरियाणा में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के दौरान आयोग द्वारा भेजे जाने वाले पेन का इस्तेमाल किया जाएगा। नामांकन के बाद तय होगा कि चुनाव होगा या नहीं अथवा सर्वसम्मति बनेगी। फिर भी हमारी तैयारी पूरी है। केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा भेजे जाने वाले पेन से ही विधायकों को वोट डालने होंगे। चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष एवं पारदर्शी होंगे।

                                                 - अजीत बालाजी जोशी, रिटर्निंग अधिकारी, राज्यसभा चुनाव, हरियाणा। 

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