रोडवेज कर्मियोें को खुशखबरी, मिलेगा हड़ताल अवधि का वेतन, जेल में बंद नेता हुए रिहा

हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों के वेतन का मामला सुलझ गया है। कर्मचारियों को हड़ताल की अवधि का वेतन भी मिलेगा। इसके साथ ही भिवानी में जेल में बंद 15 कर्मच‍ारी नेताओं को जमानत मिल गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 07 Nov 2018 12:08 PM (IST) Updated:Thu, 08 Nov 2018 05:36 PM (IST)
रोडवेज कर्मियोें को खुशखबरी, मिलेगा हड़ताल अवधि का वेतन, जेल में बंद नेता हुए रिहा
रोडवेज कर्मियोें को खुशखबरी, मिलेगा हड़ताल अवधि का वेतन, जेल में बंद नेता हुए रिहा

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों के वेतन का मामला सुलझ गया है। पिछले दिनों ह‍ड़ताल करने वाले रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल की अवधि का वेतन भी मिलेगा। हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद हड़ताल के दौरान का वेतन जारी करने से इनकार कर रहे परिवहन विभाग ने आखिर रोडवेज कर्मचारियों को राहत दी है। एडवोकेट जनरल से रायशुमारी के बाद परिवहन निदेशक ने सभी महाप्रबंधकों को कर्मचारियों का रोका गया वेतन जारी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही जेल में बंद 15 कर्म‍चारी नेताओं को रिहा कर दिया गया है।

जेल में बंद कर्मचारियों की रिहाई के लिए कर्मचारी संगठनों का दबाव और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा की मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात काम कर गई। एस्मा सहित कई संगीन धाराओं मेें भिवानी जेल में बंद सभी 15 कर्मचारी नेताओं को सरकार ने रिहा कर दिया। इसके बाद दूसरे कर्मचारियों ने भी पूरे उत्साह से दिवाली बनाई।

वीरवार को जेल से छूटे सभी कर्मचारी नेताओं ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली। सर्व कर्मचारी संघ ने रोडवेज की हड़ताल के दौरान 31 अक्टूबर को भिवानी से गिरफ्तार कर्मचारी नेताओं की रिहाई न होने पर दिवाली नहीं मनाने की धमकी दी थी। मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद कर्मचारियों की अग्रिम सुनवाई की अपील को स्वीकार कर सभी को जमानत दे दी गई।

सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि कर्मचारी रोडवेज सहित जन सेवा के किसी भी विभाग के निजीकरण को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट से निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में बिल लाने के बजाय सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकार ने वादाखिलाफी की है। लंबित मांगों और समझौतों को लागू कराने के लिए 11 नवंबर को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं कर्मचारी संगठनों का सम्मेलन रोहतक में बुलाया है। इसमें आंदोलन का एलान किया जाएगा।

परिवहन निदेशक ने सभी महाप्रबंधकों को दिया वेतन जारी करने का आदेश

हरियाणा के महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट के 2 नवंबर के आदेश का निरीक्षण करने के बाद पाया कि अगर सरकार ने 'नो वर्क नो पे' के आदेश पारित किए हों तो भी हड़ताल अवधि का वेतन देना होगा। हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, जनहित याचिका पर अंतिम निर्णय होने तक हड़ताल के दौरान सरकार द्वारा की गई सभी तरह की कार्रवाई निलंबित रहेंगी।

वेतन न जारी करने के मामले ने पकड़ लिया था तूल

इससे पहले , हाई कोर्ट के आदेश पर हड़ताल वापस लेने के बावजूद जेल में बंद कर्मचारी नेताओं को रिहा नहीं करने और हजारों रोडवेज कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं करने का मामला तूल पकड़ लिया था। जेल में बंद कर्मचारियों के मुद्दे पर शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। दूसरी तरफ परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि सरकार किलोमीटर स्कीम से पीछे नहीं हटेगी।

दूसरी ओर, सर्व कर्मचारी संघ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर भिवानी जेल में बंद नेताओं को रिहा कराने की मांग की थी, ताकि वह अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर दीपावली का त्योहार मना सकें। संघ के प्रधान धर्मबीर फोगाट, महासचिव सुभाष लांबा व रोडवेज तालमेल कमेटी के दलबीर किरमारा, इंद्र सिंह बधाना ने कहा कि परिवहन मंत्री 14 नवंबर से पहले रोडवेज कर्मचारियों से कोई बात नहीं करने की बात कहकर उन्हें उकसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से बैठक होनी है, इसके बावजूद परिवहन मंत्री लगातार विरोधाभाषी बयान दे रहे हैं। यह एक तरह से हाई कोर्ट की अवमानना है।

मंजूरी बगैर सेवा विस्तार देने पर सख्त हुई सरकार

सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवा विस्तार में विभागों की मनमानी पर सरकार सख्त हो गई है। वित्त विभाग से मंजूरी लिए बगैर रिटायर्ड कर्मचारियों को एक्सटेंशन को लेकर मुख्य सचिव ने सभी महकमों को लिखित आदेश जारी किए हैं। प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों को साफ निर्देश है कि सेवा विस्तार केवल वित्त विभाग की पूर्व अनुमति या सहमति से ही दिया जाए।

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