सुरजेवाला बोले- दो साल में कोई विदेशी पूंजी निवेश नहीं, दौऱों पर की जा रही फिजूलखर्ची

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार की लचर कार्यप्रणाली के चलते विदेशी पूंजी निवेश बिल्कुल खत्म हो गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 25 Nov 2018 04:51 PM (IST) Updated:Mon, 26 Nov 2018 09:15 AM (IST)
सुरजेवाला बोले- दो साल में कोई विदेशी पूंजी निवेश नहीं, दौऱों पर की जा रही फिजूलखर्ची
सुरजेवाला बोले- दो साल में कोई विदेशी पूंजी निवेश नहीं, दौऱों पर की जा रही फिजूलखर्ची

जेएनएन, चंडीगढ़। कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्य एवं विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार की लचर कार्यप्रणाली के चलते विदेशी पूंजी निवेश बिल्कुल खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों ने एक के बाद एक अनेक विदेशी दौरे कर फिजूलखर्ची को बढ़ावा दिया है। पिछले दो सालों से प्रदेश में एक भी नया विदेशी पूंजी निवेश नहीं आया है।

हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रीयल एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन की आरटीआइ के जवाब का हवाला देते हुए पूर्व उद्योग मंत्री सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस सरकार के 2009 से  2011 तक के कार्यकाल में 1,086 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ, जो 2012 से लेकर 2014 2,495 करोड़ पर जा पहुंचा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की मनोहर सरकार के सत्ता संभालने के बाद 2015 से 2016 के बीच प्रदेश में सिर्फ 92 करोड़ का निवेश आया। 2016 से 2017 के बीच  यह आंकड़ा घटकर 41 करोड़ पर आ गया। 2017 से 2019 के बीच एक रुपया भी विदेशी पूंजी निवेश नहीं आया है।

सुरजेवाला के अनुसार हरियाणा सरकार ने विदेशी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए हैपनिंग हरियाणा का खूब ढिंढोरा पीटा। सरकार के मंत्रियों ने दर्जनों विदेशी दौरे कर जनता की कमाई को उड़ाया, लेकिन आज तक प्रदेश को कोई फायदा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को विकास और निवेश में नंबर वन बनाया था, लेकिन भाजपा सरकार ने अपने सवा चार वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश को विकास में शून्य बना दिया है। इससे युवा पीढ़ी को बेरोजगारी की चोट लगी है।

रणदीप सुरजेवाला के अनुसार भाजपा ने प्रदेश को जाति, धर्म और वर्ग के आधार पर बांटते हुए गुजरात मॉडल लागू किया तथा हरियाणा में लगातार दंगे कराए। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि उनके अमेरिका, कनाडा, जापान, चीन, सिंगापुर, हांगकांग, इजराइल, यूके और दुबई के दौरे से हरियाणा को कितना विदेशी निवेश मिला। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों के विदेश दौरों की असलियत की जांच होनी चाहिए।

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