हरियाणा कांग्रेेस अध्यक्ष को लेकर घमासान का नहीं हुआ समाधान, राहुल ने दिया एकजुटता का संदेश

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हरियाणा के पार्टी नेताओं की बैठक बेनतीजा रही। कांग्रेेस अध्यक्ष पद को लेकर नेताओं में छिड़े घमासान का समाधान नहीं हुआ।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 28 Jun 2019 10:52 AM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2019 10:55 AM (IST)
हरियाणा कांग्रेेस अध्यक्ष को लेकर घमासान का नहीं हुआ समाधान, राहुल ने दिया एकजुटता का संदेश
हरियाणा कांग्रेेस अध्यक्ष को लेकर घमासान का नहीं हुआ समाधान, राहुल ने दिया एकजुटता का संदेश

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हरियाणा के पार्टी नेताओं की बैठक बेनतीजा रही। कांग्रेेस अध्यक्ष पद को लेकर नेताओं में छिड़े घमासान का समाधान नहीं हुआ। करीब एक घंटा 40 मिनट की मैराथन बैठक के बाद हरियाणा कांग्रेस नेताओं को केवल विधानसभा चुनाव में एकजुटता दिखाने का संदेश मिला।

राहुल ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर नेताओं खासतौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थकों के अनुरूप कुछ नहीं कहा। राहुल गांधी के नई दिल्ली स्थित 12 तुगलक लेन निवास पर ठीक 4.40 बजे शुरू हुई हरियाणा कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में समिति के 15 में से 11 सदस्य मौजूद रहे।

कुलदीप बिश्नोई, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी,नवीन जिंदल ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। राहुल के साथ बैठक के दौरान समन्वय समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने भी हरियाणा के नेताओं के विचार सुने।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समन्वय समिति के 11 सदस्यों से अकेले में लिया फीडबैक

राहुल गांधी के साथ पहले 20 मिनट तक सभी नेताओं की सामूहिक बैठक हुई। इसके बाद राहुल ने सभी नेताओं से अलग-अलग अकेले में राज्य की राजनीति की बाबत फीडबैक लिया। बैठक की शुरूआत में ही पूर्व सांसद कैलाशो सैनी ने राहल गांधी के समक्ष राज्य में जिला और ब्लॉक संगठन नहीं होने का मुद्दा रखा तो कई नेताओं ने इस तर्क से किनारा कर लिया। पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने राहुल गांधी से सीधा संवाद करते हुए कहा कि इस तरह यदि हम आपके सामने बात रखेंगे तो यह 4 जून की बैठक जैसा मुद्दा बन जाएगा।

बता दें कि 4 जून को नई दिल्ली में गुलाम नबी आजाद ने समन्वय समिति की बैठक ली थी। इसमें हुड्डा समर्थक नेताओं और प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर के बीच तनातनी बन गई थी। महेंद्र प्रताप ने कहा कि मौजूदा समय में सभी नेताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारी और एकजुटता का संदेश देने के लिए आगे की रणनीति पर विचार करना चाहिए। यदि लोकसभा चुनाव में पार्टी का जिला व ब्लॉक स्तर का संगठन भी होता तो भाजपा के छद्म राष्ट्रवाद के सामने ज्यादा बेहतर नतीजे निकालना मुश्किल था।

सूत्र बताते हैं कि महेंद्र प्रताप सिंह की यह बात उपस्थित अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी पसंद आई। इसके बाद राहुल गांधी ने सभी नेताओं से अकेले में बात करने का निर्णय लिया। राहुल को नेताओं ने उनके कैंप कार्यालय के साथ लगते पार्क में खड़े-खड़े ही राज्य की राजनीति पर फीडबैक दिया।

सूत्रों के अनुसार हुड्डा समर्थक नेताओं ने राहुल गांधी से कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा या फिर उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा के हाथ में दे दी जाए। वहीं 11 में से पांच नेताओं ने यह भी कहा कि मौजूदा संगठन का कुछ अन्य लोगों को समायोजित करके विस्तार किया जाए। इन नेताओं ने यह भी कहा कि विस्तारित संगठन में पूर्व सीएम हुड्डा को महत्व दिया जाना जरूरी है।

पार्टी के नए अध्यक्ष लेंगे संगठन में बदलाव का निर्णय

राहुल गांधी ने बेशक हरियाणा कांग्रेस समन्वय समिति के सदस्यों के साथ विस्तार से चर्चा की मगर प्रदेश संगठन में बदलाव के मुद्दे पर उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से यह भी कह दिया कि यह निर्णय पार्टी के नए अध्यक्ष करेंगे। राहुल के इस बयान पर हालांकि प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने यह भी आग्रह किया कि वे अपना इस्तीफा वापस ले लें मगर राहुल ने किसी नेता के इस आग्रह पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

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