हरियाणा का मिजाज बताएगा जींद का रण, 1.72 लाख मतदाता करेंगे MLA का फैसला

हरियाणा में सोमवार का दिन भविष्य की राजनीतिक दिशा तय करने वाला होगा। जींद विधानसभा क्षेत्र की जनता अपनी पसंद का प्रतिनिधि चुनने के लिए सोमवार को मतदान करेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 27 Jan 2019 04:24 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jan 2019 05:14 PM (IST)
हरियाणा का मिजाज बताएगा जींद का रण, 1.72 लाख मतदाता करेंगे MLA का फैसला
हरियाणा का मिजाज बताएगा जींद का रण, 1.72 लाख मतदाता करेंगे MLA का फैसला

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में सोमवार का दिन भविष्य की राजनीतिक दिशा तय करने वाला होगा। जींद विधानसभा क्षेत्र की जनता अपनी पसंद का प्रतिनिधि चुनने के लिए सोमवार को मतदान करेगी। चुनाव आयोग ने उन युवाओं को भी मतदान करने का अवसर प्रदान किया है, जिनकी उम्र इस साल 19 वर्ष से अधिक है और उन्होंने पहली बार वोट बनवाया है।

मतदान के दौरान सुरक्षा के लिए जींद हलके को तीन हजार पुलिस कर्मियों, पांच सौ होमगार्ड के जवानों, दो कंपनी सीआरपीएफ और आरएएफ के हवाले कर दिया गया है। जींद में 59 बूथ ऐसे हैं, जो संवेदनशील और अति संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं, जहां चुनाव आयोग को गड़बड़ होने की आशंका है। इन बूथों पर सीआरपीएफ और आरएएफ की निगाह रहेगी।

जींद उपचुनाव पर पूरे प्रदेश की निगाह टिकी हुई है। जाटलैंड जींद में 1 लाख 72 हजार 775 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 3565 लोग ऐसे हैं जो पहली बार मतदान करेंगे। इवीएम के जरिये होने वाले मतदान में वीवीपैट मशीनें भी लगाई गई हैं, ताकि मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के बाद यह देख सके कि उसने किसे वोट दिया है।

राज्य सरकार ने इस दिन यहां सरकारी अवकाश अधिसूचित किया है, ताकि अधिक से अधिक लोग मतदान कर सकें। जाटलैंड में सत्तारूढ़ भाजपा के उम्मीदवार डा. कृष्ण मिड्ढा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला, इनेलो के उम्मेद सिंह रेढू तथा लोकतंत्र रक्षा पार्टी के विनोद आश्री की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

जींद उपचुनाव के नतीजे तीन दिन बाद यानी 31 जनवरी को आएंगे। यह उपचुनाव सिर्फ राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि यहां के चुनाव नतीजे अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश के मतदाताओं का मिजाज बताने में सहायक साबित होंगे। यह चुनाव मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राजनीतिक साख, देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला की पारिवारिक विरासत तथा कांग्रेस की सत्ता में वापसी की आस के सवालों का जवाब देने वाला साबित होगा। रविवार को गणतंत्र दिवस का अवकाश होने की वजह से हालांकि बहुत अधिक गतिविधियां जींद में नहीं हुई, लेकिन राजनीतिक दलों ने इस दिन गुप्त रणनीति बनाते हुए अपनी समीकरणों को अनुकूल बनाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया। 

जींद में 174 मतदन केंद्रों पर वोट पड़ेंगे। शाम पांच बजे तक जितने मतदाता लाइन में लग चुके होंगे, उन सभी को वोट डालने का अधिकार दिया जाएगा। तीन एएसपी के नेतृत्व में 24 पेट्रोलिंग पार्टियां बनाई गई हैं। पूरे शहर को पुलिस सुरक्षा के लिहाज से छह जोन में बांटा गया है। जींद में 51 स्थानों पर नके लगाए गए हैं। किसी भी उपद्रव को रोकने के लिए 7513 लाइसेंसी हथियारों में से 7100 लोगों के लाइसेंसी हथियार जमा कराए लिए गए हैं तथा 397 हथियारों के लाइसेंस रद करने की सिफारिश की गई है।

जाटलैंड में गैर जाट मतदाता डालेंगे असर

जींद का उपचुनाव पूरी तरह से जाट और गैर जाट में बदलता नजर आ रहा है। वैश्य और ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में होंगे, जिनके हर दल के उम्मीदवार अपने हक में होने का दावा कर रही हैं। उनकी मुट्ठी बंद है। जींद में तीन जाट और दो गैर जाट उम्मीदवार मैदान में हैं। जाट मतों में बिखराव और गैर जाट मतों का बंटवारा इस चुनाव में कोई भी गुल खिलाने की तरफ संकेत दे रहा है। भाजपा ऐन वक्त पर स्थितियों को अपने अनुकूल करने का दावा कर चुकी है।

वैश्य मतदाताों का भरोसा जीतने में भाजपा के कृष्ण मिड्ढा को कामयाबी मिलती दिखाई दे रही है। जेजेपी के दिग्विजय सिंह चौटाला को अपने वोट बैंक के अलावा आप के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल का पूरा सहारा है। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला अपनी साफ छवि, परंपरागत वोट और पार्टी के नेताओं के सहयोग से जीत का दावा कर रहे हैं। इनेलो के उम्मेद सिंह रेढू लोकल होने के साथ चौटाला के आशीर्वाद के बूते हैं।

दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़ा जींद का रण

जींद उपचुनाव में राजनीतिक दलों के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पांच नगर निगमों में जीत के बाद भाजपा हाईकमान में जो रूतबा कायम किया था, उसे बरकरार रखने की जरूरत है। भाजपा के जाट नेताओं बीरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु और सुभाष बराला की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

ब्राह्मण व वैश्यों में रामबिलास शर्मा, विपुल गोयल, कविता जैन, पिछड़े वर्ग में कृष्ण बेदी, कृष्ण पंवार व नायब सैनी तथा पंजाबी मंत्री मनीष ग्रोवर की प्रतिष्ठा का आकलन भी इस चुनाव में होगा। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कु. सैलाज, कुलदीप बिश्नोई, अशोक तंवर, किरण चौधरी और कैप्टन अजय यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है। जेजेपी में अजय सिंह चौटाला व दुष्यंत चौटाला, इनेलो में अभय सिंह चौटाला और लोकतंत्र रक्षा पार्टी में भाजपा सांसद राजकुमार सैनी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी दिखाई दे रही है।

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