जस्टिस ढींगरा आज सौंपेंगे जांच रिपोर्ट, गरमाएगी हरियाणा की सियासत

कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी सहित अन्‍य कंप‍नियों के गुड़गांव क्षेत्र में भूमि सौदे की जांच करने वाला ढी़गरा आयोग आज अपनी रिपोर्ट सौंपेंगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 29 Aug 2016 09:56 AM (IST) Updated:Tue, 30 Aug 2016 09:17 AM (IST)
जस्टिस ढींगरा आज सौंपेंगे जांच रिपोर्ट, गरमाएगी हरियाणा की सियासत

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा समेत विभिन्न कंपनियों के गुडग़ांव जिले के जमीन सौदों तथा लाइसेंस की जांच कर रहे जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर सभी की निगाह टिकी हुई है। जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट तैयार है और इसे वह आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंप सकते हैं। उन्होंने इसके लिए समय मांगा था और सरकार ने मंगलवार का समय दिया था।

सत्र की अवधि के बीच रिपोर्ट आने की स्थिति में विधानसभा में इस पर हंगामा खड़ा हो सकता है। जस्टिस ढींगरा सोमवार को ही यह रिपोर्ट सरकार को सौंपकर मुक्त होना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से उन्हें 30 अगस्त को विधानसभा केा मानसून सत्र खत्म होने से एक दिन पहले रिपोर्ट सौंपने का समय दिया गया।

पढ़ें : ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से पहले आइएएस खेमका का ट्वीट बम अगर यह रिपोर्ट सरकार को मिल जाती है तो इसका असर हरियाणा विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र पर तो पड़ेगा ही बल्कि मैदानी राजनीति भी नए सिरे से उबाल खाती दिखाई देगी। रिपोर्ट को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुक भाजपा नेता हैैं, जो चुनावी राजनीति से लेकर विभिन्न सियासी मंचों के जरिए भ्रष्टाचारियों को कड़ा सबक सिखाने का दम भरते आए हैैं।

कांग्रेस भले ही इस आयोग की वैधानिकता पर सवाल उठाती आ रही है पर उसके नेताओं में भी रिपोर्ट को लेकर बेचैनी साफ नजर आ रही है। इनेलो को इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पर दबाव बनाने का मौका मिल सकता है।

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ताकि प्रकाश कमेटी सरीखा हश्र न हो

ढींगरा आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त को खत्म हो रहा है। सरकार रिपोर्ट मिलने के बाद पहले इसका बारीकी से अध्ययन करेगी ताकि इस रिपोर्ट का भी वही हश्र न हो जो प्रदेश में हुए दंगों में अफसरों की भूमिका की जांच के सिलसिले में गठित प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट का हुआ था। प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट अब तक सवालिया निशानों के घेरे से बाहर नहीं निकल पाई है।

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ढींगरा आयोग भी आ चुका निशाने पर

ढींगरा आयोग की अगुवाई कर रहे रिटायर्ड जस्टिस एसएन ढींगरा खुद एक ट्रस्ट को मिले लाभ के कारण विपक्ष के निशाने पर आ चुके हैं। गुडग़ांव में ट्रस्ट के लाभ के मामले में उन पर निशाना साधकर भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश पहले ही की जा चुकी है।

भाजपा सांसद किरीट सोमैया से अचानक आया ट्विस्ट

ढींगरा आयोग का गठन 2015 में किया गया था। आयोग को अपनी रिपोर्ट छह महीने में देनी थी लेकिन, इसके बाद इसका कार्यकाल बढ़ता रहा। शुरुआत में आयोग को गुडग़ांव के सेक्टर 83 में कामर्शियल कॉलोनी डेवलप करने के लिए जारी हुए लाइसेंसों की पड़ताल का जिम्मा मिला था लेकिन, बाद में इसका दायरा बढ़ाकर चार गांवों में दिए गए लाइसेंस की जांच भी जोड़ दी गई। जस्टिस ढींगरा करीब डेढ़ माह पहले रिपोर्ट देने वाले थे, लेकिन भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने उन्हें कुछ दस्तावेज सौंपे, जिसके आधार पर सरकार ने उन्हें छह सप्ताह का समय जांच के लिए दे दिया था।

'' आयोग की वैधानिकता पर पहले से उंगलियां उठ चुकी हैं। आयोग सरकार के प्रभाव में है। फिर भी रिपोर्ट सामने आने पर पार्टी इसका अध्ययन करेगी और उसी हिसाब से अपनी रणनीति के बारे में बताएगी।
-रणदीप सिंह सुरजेवाला, चेयरमैन, कांग्रेस मीडिया विभाग।

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