Adampur By Election: हरियाणा के 'दुश्‍मन' रहे दो परिवारों का सियासी मिलन, लेकिन सवाल भरोसे का

Adampur By Election हरियाणा के आदमपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव राज्‍य की सियासत में बेहद अहम माना जा रहा है। इसके साथ ही यह अब तक राज्‍य की सियासत में एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे देवीलाल परिवार और भजनलाल परिवार के सियासी मिलन का गवाह भी बनेगा।

By Anurag AggarwaEdited By: Publish:Tue, 04 Oct 2022 05:30 PM (IST) Updated:Tue, 04 Oct 2022 05:30 PM (IST)
Adampur By Election: हरियाणा के 'दुश्‍मन' रहे दो परिवारों का सियासी मिलन, लेकिन सवाल भरोसे का
ताऊ देवीलाल , चौधरी भजनलाल , दुष्‍यंत चौटाला और कुलदीप बिश्‍नोई। (फाइल फोटो)

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Amadpur By Election 2022: हरियाणा की राजनीति में एक-दूसरे के 'दुश्‍मन' रहे दो परिवार अब एक ही मंच पर हैं। हम बात कर रहे हैं पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल और हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल प‍रिवार की। भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्‍नोई अब भाजपा में हैं तो देवीलाल के प्रपौत्र दुष्‍यंत चौटाला की पार्टी जजपा का भाजपा से गठबंधन हैंं। आदमपुर उपचुनाव में कुलदीप बिश्‍नोई या उनके पुत्र के भाजपा टिकट पर मैदान में उतरने की संभावना है। यहां से उनको जजपा का समर्थन भी मिलेगा, लेकिन इसके साथ ही सवाल उठता है कि दुष्‍यंत चौटाला का भरोसा कुलदीप विश्नोई कितना जीत पाते हैं यह बड़ा सवाल होगा।

देवीलाल परिवार का भरोसा जीतने के लिए भजनलाल के बेटे-पोते को आएगा पसीना  

बता दें कि देवीलाल और भजनलाल का परिवार राजनीतिक रूप से एक-दूसरे का धुर विरोधी रहा है। हिसार का रण हो या फिर भिवानी में लोकसभा चुनाव की जंग, देवीलाल व भजनलाल के परिवार के सदस्यों ने एक दूसरे के खिलाफ कई चुनाव लड़े हैं। इन चुनाव में कभी भजनलाल का परिवार हावी रहा तो कभी देवीलाल के परिवार ने जीत हासिल की।

देवीलाल और भजनलाल का परिवार एक-दूसरे के खिलाफ लड़ता रहा है चुनाव

अब राजनीति ने इन दोनों परिवारों को एक मोड पर लाकर खड़ा कर दिया है...और वह मोड है आदमपुर विधानसभा का उपचुनाव, जहां देवीलाल और भजनलाल के परिवारों के सामने कांग्रेस यानी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बड़ी चुनौती के रूप में खड़े हैं।

आदमपुर में पहली बार दोनों परिवार एक मोड़ पर आकर हुए खड़े, लेकिन भरोसे की कमी

प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के लिए इससे भी बड़ी चुनौती पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पोते अजय सिंह चौटाला और पड़पोते दुष्यंत चौटाला का भरोसा जीतने की है। आदमपुर के रण में कुलदीप को अपने विरोधियों का मुकाबला करने से पहले भाजपा व जजपा के उन नेताओं का विश्वास हासिल करना होगा, जो न तो उन्हें कभी राजनीतिक रूप से पनपते हुए देखना चाहते हैं और न ही उनके भाजपा में आने से खुश हैं। भाजपा व जजपा में ऐसे नेताओं की लंबी सूची है, जो कुलदीप के भगवा रंग में रंगने से खुद को असहज महसूस कर रहे हैं।

दुष्यंत चौटाला के साथ ही भाजपा में अपने विरोधियों को साधना कुलदीप के लिए बड़ी चुनौती

हिसार व भिवानी के सांसद रह चुके आदमपुर के निवर्तमान कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफा देने तथा भाजपा में शामिल होने के कारण तीन नवंबर को यहां उपचुनाव होगा। बरौदा व ऐलनाबाद की तरह आदमपुर का उपचुनाव भी भाजपा व जजपा मिलकर लड़ेंगे।

भाजपा हालांकि कुलदीप बिश्नोई को ही आदमपुर से उपचुनाव लड़वाना चाहती है, लेकिन कुलदीप अपने बेटे भव्य बिश्नोई के लिए टिकट मांग रहे हैं। कांग्रेस के टिकट पर हिसार का लोकसभा चुनाव लड़ चुके भव्य बिश्नोई आदमपुर में अपने दादा भजनलाल के बूथ से ही चुनाव हार गए थे।

दुष्‍यंत चौटाला ने एक बार कुलदीप बिश्‍नोई को हिसार लोकसभा सीट पर हराया था 

हिसार लोकसभा के 2019 के चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह भाजपा के टिकट पर जीते थे और दुष्यंत चौटाला व भव्य बिश्नोई हार गए थे। इस चुनाव से पहले दुष्यंत चौटाला हिसार में कुलदीप बिश्नोई को हरा चुके हैं और भिवानी में अपने गढ़ से बाहर जाकर भी कुलदीप बिश्नोई ने दुष्यंत चौटाला के पिता अजय सिंह चौटाला को चुनाव हरा दिया था। यानी, देवीलाल-चौटाला व भजनलाल के इस परिवार में राजनीतिक दुश्मनी बहुत पुरानी है, जो आदमपुर उपचुनाव में दोस्ती में इतनी आसानी से बदलती बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है।

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अब नई परिस्थितियों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की यह जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वह दुष्यंत चौटाला को आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई का खुलकर साथ देने के लिए राजी करें। ठीक इसी तरह की चुनौती कुलदीप बिश्नोई के सामने हैं, जिन्हें भाजपा में अपने करीब आधा दर्जन बड़े राजनीतिक विरोधियों को साधने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ सकती है।

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